प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण में लगने वाले पत्थरों के लिए सहयोग करे राजस्थान सरकार : चंपत राय
जन एक्सप्रेस संवाददाता
कानपुर नगर। जन्मभूमि अयोध्या में बन रहे भव्य भगवान श्रीराम मंदिर निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए भक्त बराबर आगे आ रहे हैं। सपना साकार होता देख भक्तों में जबरदस्त खुशी की लहर है और मंदिर निर्माण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। मंदिर निर्माण में करीब साढ़े चार लाख घनफुट पत्थर लगना है जो राजस्थान से आना है, लेकिन राजस्थान सरकार ने खनन पर रोक लगा दी है। ऐसे में राजस्थान सरकार से आग्रह है कि खनन पर रोक हटाकर राष्ट्र के गौरव के लिए मंदिर निर्माण में सहयोग करे। यह बातें शनिवार को कानपुर पहुंचे विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष एवं राम जन्म भूमि न्यास के महामंत्री चंपत राय ने कही।
श्रीरामजन्मभूमि न्यास के महामंत्री और विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय श्रीराम मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान को लेकर शनिवार को कानपुर पहुंचे। यहां पर मंदिर निर्माण में अधिक से अधिक जनसहभागिता के लिए अलग—अलग जगहों पर कई बैठकें की। इसके बाद चकेरी स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में प्रेस वार्ता कर राम मंदिर निर्माण के विषय पर तमाम जानकारी मीडिया से साझा की। चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण का कार्य इसकी शुरुआत से तीन साल के आसपास के समय मे पूरा कर लिया जाएगा। मंदिर निर्माण के लिए लगभग 4 लाख 50 हजार घन फुट पत्थर की जरुरत पड़ेगी, जिसमें लगभग 60 हजार घनफुट पत्थर तराश कर मंदिर परिसर में रखा जा चुका है। पत्थर राजस्थान के भरतपुर और आसपास के इलाकों से आना है, लेकिन इस समय राजस्थान की सरकार ने खनन पर रोक लगा रखी है जिसकी वजह से पत्थर नहीं आ पा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात कर इस बात के लिए आग्रह करेंगे कि मंदिर निर्माण राष्ट्र गौरव से जुड़ा विषय है इसलिए राजस्थान सरकार को भी इसमें सहयोग करना चाहिए।
इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सतीश महाना और राम मंदिर निर्माण से जुड़े कई अन्य पदाधिकारी और संघ के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।