पुनरुत्थान विद्यापीठ रामलला को समर्पित करेगा शोध आधारित 1051 ग्रंथ

-संघ के सरसंघचालक इन ग्रथों का करेंगे लोकार्पण
अयोध्या। पुनरुत्थान विद्यापीठ के द्वारा 1051 ग्रन्थों को श्री राम जन्मभूमि में श्री राम लला सरकार को रामार्पन किया जाएगा, इसके बाद गुजरात मे इन ग्रंथों का लोकार्पण किया जाएगा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े शिक्षा क्षेत्र के चिंतकों ने पुनरुत्थान विद्यापीठ के माध्यम से भारतीय शिक्षा की पुनर्स्थापना करने के लिए शोध आधारित 1051 ग्रंथ तैयार किए हैं, जिसे रविवार को रामलला को समर्पित किया जाएगा। 15 अप्रैल को संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ग्रंथों को लोकार्पित करेंगे। इसकी जानकारी पुनरुत्थान विद्यापीठ की प्रमुख इंदुमति काटदरे, संघ के पूर्व सर कार्यवाह भैया जी जोशी, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट महामंत्री चम्पत राय ने संयुक्त रूप से दिया।
कारसेवकपुरम में आयोजित पत्रकार वार्ता में पुनरुत्थान विद्यापीठ की प्रमुख इंदुमति काटदरे ने कहा कि इन ग्रंथों को शिक्षा के लिए इस तरह तैयार किया गया है, जिसमें विद्यालय, घर और मंदिर सबकी भूमिका समाहित है और 21वीं शताब्दी में भारतीय शिक्षा पद्धति कैसी हो? शोध करके उसे प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने दावा किया कि विगत डेढ़ सौ से 200 साल के अंदर भारत की शिक्षा व्यवस्था विकृत की गई। इससे पहले हजारों वर्ष तक भारतवासी शिक्षित थे। भले उन्हें लिखना-पढ़ना ना आता हो, किंतु शिक्षा का व्यावहारिक ज्ञान प्रचुर मात्रा में था।
उन्होंने पुनरुत्थान विद्यापीठ के माध्यम से तैयार किए गए ग्रंथों के बारे में यह भी बताया कि जब यह शिक्षा पद्धति से जुड़ जाएंगे तो निश्चित रूप से भारत विश्व गुरु के मार्ग पर प्रशस्त हो जाएगा। कारसेवक पुरम में संघ के पूर्व सरकार्यवाह भैया जी जोशी ने पत्रकार वार्ता में कहा कि नई शिक्षा नीति में बहुत से परिवर्तन और समावेश किए गए हैं, जो प्रशंसा के योग्य हैं। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति तो बन गई है, किंतु पाठ्यक्रम की रचना हो रही है। पाठ्यक्रम में बड़े परिवर्तन की बात की जा सकती है। पुनरुत्थान विद्यापीठ संस्था ने गहन चिंतन और शोध के बाद 1051 ग्रंथों की रचना की है, जिसकी जानकारी पहले देश के आमजन के बीच दी जाएगी।
इस अवसर पर संघ के पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचारक अनिल, ट्रस्ट सदस्य डॉ अनिल मिश्रा, विहिप मीडिया प्रभारी शरद शर्मा उपस्थित रहे।