ऋषिकेश करणप्रयाग रेल परियोजना का कार्य वर्ष 2026 तक पूर्ण कर लिया जाएगा : अजीत यादव
ऋषिकेश । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी ऋषिकेश करणप्रयाग रेल परियोजना का कार्य वर्ष 2026 तक पूर्ण कर लिया जाएगा, जिसके चलते अभी तक रेल विकास निगम लिमिटेड ने 125 किलोमीटर नई ब्रॉड गेज रेल लाइन बिछाई जाने के कार्य को गति दे दी है।
यह जानकारी रेल विकास निगम के महा प्रबंधक अजीत यादव ने शुक्रवार को रेल विकास निगम भवन में पत्रकारों को देते हुए बताया कि इस योजना के दौरान चार नवंबर 2024 तक 28 ब्रेकथ्रू का कार्य पूरा किया जा चुका है, और दिसंबर 2025 तक 10 और ब्रेकथ्रू का कार्य पूरा कर लिया जाएगा, जिसके अतर्गत 213 किलोमीटर की दूरी पूरी कर ली जाएगी। अभी तक कुल छह एमटी और छह एस्केप सुरंगों के कार्य के लिए पूरी तरह से खुदाई कर ली गई है, जिसमें सबसे ऊंची खुदाई टी 13की है जिसकी लंबाई 9.50किलो मीटर है।
अजीत यादव ने बताया कि ऋषिकेश और करणप्रयाग के बीच 125 किलोमीटर नई ब्रॉड गेज रेल लाइन उत्तराखंड राज्य में एक महत्वपूर्ण विकास परियोजना है , जो कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक ड्रीम प्रोजेक्ट भी है, ऋषिकेश और करणप्रयाग के बीच रेल लिंक उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य मे स्थित तीर्थ स्थलों तक आसान पहुंच की सुविधा उपलब्ध कराए जाने के साथ पिछले क्षेत्रों के विकास और नए व्यापार केंद्र को जोड़ना क्षेत्र में रहने वाली आबादी की सेवा करना मुख्य है, इस परियोजना के पूरा होने पर यात्रा के समय और लागत में भी काफी कमी आएगी, यह लिंक क्षेत्र में औद्योगिक विकास कुटीर उद्योग और अर्थव्यवस्था पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ावा देगा, प्रस्तावित रेल लाइन देहरादून टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग और चमोली के पांच जिलों के माध्यम से देवप्रयाग
श्रीनगर ,रुद्रप्रयाग, गोचर और करणप्रयाग जैसे महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ेगी।
उन्हाेंने यह भी बताया कि रेल मंत्रालय ने इस परियोजना की जिम्मेदारी वर्ष 2011 में रेल विकास निगम लिमिटेड को दी थी, जिसके अतर्गत इसकी अनुमानित लागत 4295.3 करोड़ रुपए की मंजूरी के साथ दी थी, लेकिन नवंबर 2016 में रेलवे बोर्ड ने 1621 6 . 31 करोड़ रुपये का विस्तृत अनुमान स्वीकृत किया गया। यादव ने बताया कि वीरभद्र स्टेशन और योग नगरी ऋषिकेश के बीच 5.7 किलोमीटर लंबाई का पहला ब्लॉक क्षेत्र चालू कर दिया गया है। जिसमें वीरभद्र स्टेशन पर सुविधाओं का उन्नयन और ऋषिकेश में विश्व स्तरीय ग्रीन रेलवे स्टेशन का निर्माण भी शामिल है। जिसे मार्च 2020 में चालू कर दिया गया था।
इसमें ऋषिकेश के लिए बायपास रोड पर एक आरयूबी और देहरादून की महत्वपूर्ण सड़क पर एक आरओबी का निर्माण भी शामिल है। इसके बनने के बाद लेवल क्रॉसिंग समाप्त हो गई है। इसमें योग नगरी ऋषिकेश स्टेशन पर वॉशिंग लाइन सहित रेल रख रखाव सुविधा और अन्य सुवधा भी उपलब्ध कराई गई है ।
उन्हाेंने यह भी बताया कि चंद्रभागा, शिवपुरी ,गूलर और अलकनंदा नदियों पर 19 में से पांच बड़े पुलों का निर्माण पूरा किया जा चुका है। जबकि 13 पुलों को इस वर्ष पूरा कर लिया जाएगा, जिसके अंतर्गत निर्माण कार्य के साथ-साथ शेष महत्वपूर्ण एवं प्रमुख 14 पुलों पर कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कार्य में देरी का कारण, कोरोना काल के साथ सुरंग खोदने के दौरान ग्रामीणों द्वारा अपने घरों में दरारें आने की शिकायत की गई थी, इस दौरान सरकार के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इस मुद्दे का समाधान किया गया, जिसके अंतर्गत बनाई गई समितियों ने सर्वेक्षण कर लोक निर्माण विभाग उत्तराखंड द्वारा मुआवजे का मूल्यांकन किया, जिसे सरकार द्वारा वितरित कर दिया गया है।
यादव ने बताया कि रेल विकास निगम ऋषिकेश करणप्रयाग रेल लाइन का कार्य किए जाने के साथ पर्यावरण संरक्षण के अतिरिक्त सामाजिक आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए भी लगातार कार्य कर रहा है, जिसकी स्थानीय नागरिकों द्वारा सराहना भी की जा रही है।
कुल मिलाकर उनका कहना था कि वर्ष 20 26 से पहले सभी स्टेशनों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा, जिसके अतर्गत ब्यासी में बनने वाले रेलवे स्टेशन के डिजाइन का काम के लिए स्टेशन के लिए टेंडर की प्रक्रिया दिसंबर में शुरू कर दी जाएगी। जिसके डिजाइन का काम शुरू कर दिया गया है, उनका कहना था कि कार्य को गति देने के लिए ऑफिस के साथ वहां कार्य करने वाले लोगों के लिए भी सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। जिससे कार्य में देरी न हो।