बीजेपी-कांग्रेस में सीटों पर घमासान
देहरादून: निर्वाचन आयोग द्वारा हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा करने के साथ ही सियासी पारा भी बढ़ने लगा है। बीजेपी एक बार फिर राज्य में सरकार बनाने का दावा करती नजर आ रही है, तो दूसरी ओर विपक्षी कांग्रेस का सत्ता में दोबारा काबिज होने की पूरी कोशिश करने में जुटी हुई है। लेकिन इसी के बीच दोनों ही पार्टियों में सीटों काे लेकर घमासान मचा हुआ है।
चुनाव में टिकट पाने के लिए लिए दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवार जुगत लगाने में जुटे हुए हैं। चुनाव की घोषणा के बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस प्रत्याशियों की लिस्ट बीजेपी से पहले जारी कर देगी, लेकिन फिलहाल ऐसा हुआ नहीं। राजनैतिक सूत्रों की बात मानें तो कांग्रेस ने 57 सीटों पर उम्मीदवारों का नाम लगभग तय कर दिया था, लेकिन पार्टी के अंदर किसी भी तरह के बगावत की आशंका को देखते हुए हाईकमान ने लिस्ट को फिलहाल जारी नहीं किया।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की पूरी तैयारी होगी कि वह एक बार पुन: हिमाचल में सरकार बनाए। राजनैतिक सूत्रों की बात मानें तो विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस हाईकमान पार्टी के अंदर किसी भी तरह का विवाद नहीं चाहती है। इसी को ध्यान में रखरकर पार्टी उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगाने पहले फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। सभी गुटाें की राय लेकर ही पार्टी फाइलन प्रत्याशी के नाम पर मुहर लगाएगी।
कांग्रेस हाईकमानने कमेटी बनाई
विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के लिस्ट फाइनल करने से पहले कांग्रेस हाईकमान ने तीन सदस्यीय एक कमेटी बनाई है। सूत्रों की मानें तो जिन सीटों पर ज्यादा विवाद होने के आसार हैं, कमेटी उन सीटों पर गहराई से आंकलन करने के बाद ही उम्मीदवार का नाम हाईकमान को सौंपेगी।
सीटों की सहमति के लिए हाईकमान ने मुकुल वासनिक, दीपादास मुंशी, और कांग्रेस के हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला की अगुवाई में कमेटी गठित की है। सभी विवादित सीटों पर प्रबल प्रत्याशियों पर संगठन पदाधिकारियों से मिलकर प्रत्याशी का नाम फाइनल किया जाएगा।
ये हो सकती हैं विवादित सीटें
राजनैतिक सूत्रों की बात मानें विधानसभा चुनाव में शिमला शहरी, हमीरपुर, देहरा, कुटलेड़ह, सुलह, और मनाली सीटों में विवाद बढ़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसी को देखते हुए हाईकमान की संगठन पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद ही उम्मीदवारों का नाम फाइनल किया जाएगा, ताकि पार्टी के अंदर किसी तरह का विवाद उत्पन्न न हो सके।
भाजपा में भी उम्मीदवारों के नाम फाइनल करने पर गुटबाजी
कांग्रेस के साथ ही भाजपा में भी उम्मीदवारों के नाम फाइनल करने में हाईकमान के पसीने छूट रहे हैं। पार्टी के अंदर गुटबाजी से मची खलबली के बाद हाईकमान को उम्मीदवार का नाम फाइनल करने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। चुनाव से ठीक पहले पार्टी के अंदर किसी भी तरह से विवाद से निपटने को भाजपा संगठन पदाधिकारियों और सदस्यों की राय जानी। इसके लिए हाईकमान ने मतदान भी करवाया।
संगठन पदाधिकारियों ने बताई पसंद
भाजपा हाईकमान द्वारा कराई गई वोटिंग में संगठन पदाधिकारियों ने अपनी पसंद भी बताई। प्रदेश के चारों संसदीय क्षेत्रों के मुख्यालयों- कांगड़ा, हमीरपुर, शिमला, और मंडी में करवाई गई थी। तीन हजार से ज्यादा पदाधिकारियों ने वोटिंग में अपने पसंद के उम्मीदवार पर मुहर लगाई थी।
राजनैतिक सूत्रों की बात मानें तो वोटिंग की रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। भाजपा हाईकमान के सामने रिपोर्ट रखी जाएगी, जिसके बाद ही उम्मीदवारों के लिस्ट पर मुहर लगेगी। बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक सोमवार शाम को है। अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची आज शाम को जारी हो सकती है।
वोटिंग के लिए चॉपर का हुआ था इस्तेमाल
विधानसभा चुनाव में भाजपा फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। पार्टी को किसी भी नुकसान से बचाने के लिए भाजपा ने ठोस रणनीति भी बनाई हुई है। वोटिंग के लिए मतपेटियों को चॉपर से हिमाचल भेजा गया था। संगठन पदाधिकारियों के मतदान करने के बाद सभी मतपेटियों को दिल्ली पुन: भेज दिया गया था।






