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2 साल से अंकिता के लिए ‘आतंक’ था शाहरुख

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रांची: अंकिता हत्याकांड को लेकर उबाल है। एकतरफा मोहब्बत में शाहरुख नाम के लड़के ने नाबालिग लड़की को पेट्रोल छिड़कर जिंदा जला डाला। यह अचानक सनक में आकर की गई कोई वारदात नहीं है, बल्कि दो साल से शाहरुख अंकिता के लिए ‘आतंक’ बन चुका था। शाहरुख करीब दो साल से अंकिता के पीछे पड़ा था। अपनी मौत से पांच दिन पहले फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कार्यकारी मजिस्ट्रेट को दिए बयान में अंकिता ने कहा था कि उसकी एक सहेली से शाहरुख ने मोबाइल नंबर ले लिया था और अक्सर फोन कर कर दोस्ती का दबाव बनाता था। जबकि अंकिता उससे बात करना भी पसंद नहीं करती थी।

वह न केवल बार-बार फोन कर अकिता को परेशान करता था बल्कि स्कूल जाने के रास्ते में पीछा कर छेड़खानी करने का प्रयास करता था। अंकिता को तंग आ कर स्कूल जाना बंद करना पड़ा था। ट्यूशन भी पिता के साथ जाना पड़ता था। शाहरुख ने अंकिता के घर पर पत्थरबाजी भी की थी। वह उसके घर में घुस जाता था। इस पर लोगों ने एक बार चोर कह कर पिटाई भी की थी। इसके बाद भी उसका हौसला पस्त नहीं हुआ।

एक दिन वह अंकिता के घर के दरवाजे पर लगे ग्रिल को लोहे के खंती से उखाड़ने का प्रयास किया था। अंकिता के पिता ने बताया कि शुरू में लोक लाज के भय से वे थाना नहीं गए पर जब शाहरुख की हरकत बढ़ गई तो एक बार वे थाना जाने लगे तो शाहरुख के बड़े भाई ने माफी मांग कर थाना जाने से मना कर दिया था। शाहरुख की हरकत में सुधार नहीं हुआ। हाल के दिनों में डिजनीलैंड मेला देखने भी अंकिता शाहरुख के खौफ के कारण पिता के साथ गई थी।

एक साल पहले हो गई थी मां की मौत
अंकिता के पिता संजीव सिंह एक किराना व्यवसायी की दुकान में काम करते हैं। आर्थिक तंगी के बावजूद वे अंकिता और उसके भाई को अच्छी तालीम देना चाहते थे। अंकिता भी पढ़ने में ठीक थी। अंकिता की मां का एक साल पहले कैंसर से निधन हो चुका है। अब अंकिता की मौत से संजीव सिंह टूट गए हैं। दो बेटियों में एक बेटी की शादी हो चुकी है। दूसरे नम्बर पर अंकिता थी। बेटा 12 साल का है। घर में अंकिता के दादा-दादी भी हैं।

घटना से पहले फोन पर दी थी धमकी
घटना के एक दिन पहले भी 22 अगस्त को उसने फोन पर धमकी दी थी कि मुझसे बात नहीं करोगी तो जान से मार देंगे। रात में छात्रा अपने कमरे में सोई हुई थी कि तड़के 4 बजे शाहरुख उसके घर पहुंच कर खिड़की से पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी थी। फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्राथमिक इलाज के बाद बेहतर इलाज के लिए उसे 23 अगस्त को ही देर रात रिम्स रांची में भर्ती किया गया था। अंकिता का शरीर का पीठ का हिस्सा, दोनों हाथ, दोनों पैर और पेट का भाग बुरी तरह से जल गया था। मौत के साथ पांच दिनों के संघर्ष के बाद वह जिंदगी की जंग हार गई। रांची में पोस्टमार्टम के बाद उसका शव देर शाम तक दुमका लाया जा सकेगा।

फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की होगी पहल
दुमका के उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने कहा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के लिए आवश्यक पहल की जाएगी। साथ ही परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की है। उपायुक्त ने लोगों से शांति की अपील करते हुए कहा कि दोषी पर जल्द कारवाई होगी।

परिजनों को मिले मुआवजा, नौकरी व सुरक्षा सुनील सोरेन
दुमका के सांसद सुनील सोरेन ने दुमका की बेटी अंकिता की मौत पर शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि वह काफी होनहार बच्ची थी। उसकी मौत ने मुझे अंदर से झकझोर दिया है। मैं मर्माहत हूं। वह अपना उज्जवल भविष्य को बनाने में लगी थी, लेकिन बीच में दिल दहलाने वाली जघन्य हत्या की शिकार हो गई।

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