पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट अधिनियम-2023 रद्द

इस्लामाबाद । पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ऐतिहासिक निर्णय में सुप्रीम कोर्ट (निर्णयों और आदेशों की समीक्षा) अधिनियम-2023 को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया। इसे मई के अंत में अधिसूचित किया गया था। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में आज के इस फैसले पर विस्तार से चर्चा की गई है।
पाकिस्तान के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल, जस्टिस मुनीब अख्तर और जस्टिस इजाजुल अहसन की तीन सदस्यीय पीठ ने 19 जून को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। गुलाम मोहिउद्दीन, जमान खान वरदाक और ज्यूरिस्ट्स फाउंडेशन ने अपने सीईओ रियाज हनीफ राही और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के माध्यम से इस अधिनियम की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल मंसूर उस्मान अवान ने इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान अदालत से कानून के खिलाफ याचिकाओं को खारिज करने का आग्रह किया था। उन्होंने तर्क दिया था कि यह अधिनियम अदालत के अधिकार क्षेत्र को व्यापक बनाता है और उसकी शक्तियों पर अंकुश नहीं लगाता।
चीफ जस्टिस बंदियाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट समीक्षा अधिनियम संविधान के खिलाफ है। यह फैसला सर्वसम्मति से पारित किया गया है। इस पर एक विस्तृत आदेश बाद में जारी किया जाएगा।