उत्तराखंड

आपदा में क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों के पुन:निर्माण के कार्यों को युद्ध स्तर पर पूरा करें : विनय रूहेला

बागेश्वर । राज्य योजना आयोग उत्तराखंड सरकार के पूर्व उपाध्यक्ष एवं उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन के उपाध्यक्ष विनय रूहेला ने गुरुवार को जिला सभागार में अधिकारियों की बैठक लेते हुए आपदा प्रबंधन के कार्यों की समीक्षा की। उपाध्यक्ष ने मानूसन काल में अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त विभागीय, सार्वजनिक और निजी परिसम्पत्तियों को हुए नुकसान की विभागवार समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आपदा में क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों के पुन:निर्माण के कार्यों को युद्ध स्तर पर पूरा करें।

उन्होंने कहा कि आम जनता की समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारी मौके पर जाएं और समस्याओं का निराकरण करें। उन्होंने जनसामान्य की समस्याओं के निराकरण के लिए एवं जानकारी व सुविधा प्रदान करने के लिए सभी विभागों को सोशल मीडिया पेज बनाने के निर्देश दिए। ताकि आधुनिकता के इस दौर में लोगों की समस्याओं का समाधान और विभागीय कार्यों व अन्य जानकारी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी मिल सके।

कलेक्ट्रेट में आयोजित बैठक में उपाध्यक्ष ने लोक निर्माण विभाग, पीएमजीएसवाई, बीआरओ के आपदा से क्षतिग्रस्त सड़क मार्गों में अब तक किए गए सुधारीकरण के कार्यों की जानकारी ली। पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिशासी अभियंता संजय पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि आपदा से करीब तीन करोड़ का नुकसान हुआ है। आपदा में सड़क मार्ग को समयबद्धता के साथ सुचारू किया गया। वर्तमान में सड़क मार्ग को गड्डामुक्त करने व सुधारीकरण कार्य के लिए टेंडर किए जा चुके है।

उपाध्यक्ष ने खबडोली, खरीब, गंगाड़, जाकटी, पपोली सड़क मार्ग को भी दुरुस्त करने के निर्देश देते हुए बीआरओ को काफड़ी व्यू आरे के पास पहाड़ी से लगातार बोल्डर गिरने व सड़क मार्ग बाधित होने पर स्थायी समाधान खोजने के निर्देश दिए। इसके लिए शीघ्र डीपीआर बनाने को कहा।

उन्होंने बागेश्वर, कपकोट भराड़ी, शामा सड़क मार्ग चौड़ीकरण की डीपीआर में जल्द अग्रेतर कार्रवाई करने के निर्देश बीआरओ को दिए। उन्होंने पीएमजीएसवाई को ग्रामीण सड़क मार्ग को गड्डामुक्त करने के निर्देश दिए। पूर्ति विभाग की समीक्षा करते हुए उपाध्यक्ष ने जिले के बर्फ वाले दूरस्थ गांवों में रसद समय से पहुंचाने, खाद्यान्न गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने और बीपीएल कार्ड सत्यापन कराने के निर्देश दिए।

जिला पूर्ति अधिकारी मनोज बर्मन ने जानकारी देते हुए बताया कि दूरस्थ गांवों में राशन भेजा जा चुका है। साथ ही दूरस्थ खाद्यान्न गोदामों की क्षमता विकास में भी वृद्धि की गई है। राशन और ईंधन की जनपद में पर्याप्त उपलब्धता है। बीपीएल कार्ड जांच के लिए समिति गठित की गई है। पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि आपदा में दस पशु हानि हुई थी, सभी पशुपालकों को मुआवजा दिया जा चुका है।

जल संस्थान और जल निगम की समीक्षा में उन्होंने दोनों कार्यदायी संस्थाओं के पेयजल योजनाओं के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। विद्युत विभाग की समीक्षा में जर्जर बिजली के खम्बों, झूलती बिजली की तारों को एक माह के भीतर ठीक करने के निर्देश दिए।

स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में उपाध्यक्ष ने दवाइयों की उपलब्धता एवं अन्य जरूरी संसाधनों के बारे में जानकारी ली। साथ ही आपदा से क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों के प्रस्ताव जल्द उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। जिला मुख्यालय में सब्जी मंडी, बस अड्डा, एसबीआई तिराहा, बाजार अस्पताल सड़क मार्ग पर आए दिन लगने वाले जाम को लेकर उपाध्यक्ष ने पुलिस विभाग को जाम से निजात दिलाने के लिए स्कूल बसों एवं अन्य बड़े वाहनों के प्रवेश के लिए समय निर्धारित करते हुए मौके पर पर्याप्त पुलिस बलों की सक्रियता से तैनाती करने के निर्देश दिए। ताकि आमजनमानस को जाम से राहत मिल सके। बैठक के उपरांत उपाध्यक्ष ने जिला अस्पताल में जन औषधि केंद्र का पुनः सुचारू रूप से संचालन करते हुए कहा कि जन औषधि केंद्र को पुनःखोलने को लेकर आमजनमानस की काफी लंबे समय से मांग थी, जिसे आज पूरा किया गया। आमजनमानस जो अपने उपचार कराने अस्पताल आ रहा है उसे अब सस्ती दवा जन औषधि केंद्र से मिल सकेगी। अस्पताल के निरीक्षण के दौरान अस्पताल के गेट के पास लगने वाले जाम को लेकर उपाध्यक्ष ने सीएमओ को जाम से निजात दिलाने के लिए उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही अस्पताल परिसर में स्वच्छता का भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने सभी अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि उपाध्यक्ष द्वारा दिए गए निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन करना सुनिश्चित करें। निर्माण कार्यों में गुणवत्ता व सम्बद्धता का विशेष ध्यान रखते हुए कार्यों को जल्द पूरा करें। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से मानसून काल में आपदा से हुई परिसम्पत्तियों के बारे विभागवार विस्तृत जानकारी दी। साथ ही जनपद में उपलब्ध संसाधनों एवं आपदा में इंसिडेंट रिस्पांस सिस्टम (आईआरएस) कैसे काम करता है उसके बारे में जानकरी दी।

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