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सहाबा विद्युत उपकेंद्र की आपूर्ति व्यवस्था चरमराई, अंधेरे में सीमावर्ती इलाका

कभी रोस्टिंग तो कभी लोकल फाल्ट का हवाला दे रहे अधिकारी कर्मचारी

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जन एक्सप्रेस/संवाददाता 

रुपईडीहा, बहराइच। सहाबा विद्युत उपकेंद्र से सीमावर्ती कई दर्जन गांवों को विद्युत आपूर्ति की जाती है। करीब एक पखवाड़े से अधिक का समय हो गया। इस इलाके की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था चरमराई हुई है। उपकेंद्र से संबंधित विद्युत उपभोक्ता परेशान हैं। उपकेंद्र के सहायक अभियंता और लाइनमैन कभी बाहर से रोस्टिंग तो कभी लोकल फाल्ट होने का हवाला देकर टालमटोल करते हैं। विद्युत उपभोक्ताओं को खासी परेशानी हो रही है। वहीं सीमा क्षेत्र में अंधेरा छाए रहने से लोग असुरक्षा महसूस कर रहे हैं।

विकासखंड नवाबगंज की आधी से अधिक आबादी को सहाबा विद्युत उपकेंद्र से विद्युत आपूर्ति की जाती है। कुछ ग्राम पंचायत नेपाल सीमा के सरहद पर बसी हैं। अगस्त माह के शुरुआती दिनों से ही विद्युत उप केंद्र से ग्रामीण इलाकों को की जाने वाली आपूर्ति और विद्युत कटौती की कोई निर्धारित समय सीमा नहीं है। विद्युत आपूर्ति दिन में तो अपने ढर्रे से अलग हो ही चुकी है। रात में भी कई बार विद्युत कटौती की जा रही है। सहाबा विद्युत उपकेंद्र से 2 दर्जन से अधिक गांव को विद्युत आपूर्ति की जाती है जो सरहद पर बसे हुए हैं अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसी नगर पंचायत रुपईडीहा को भी इसी विद्युत उपकेंद्र से विद्युत आपूर्ति की जाती है। रुपईडीहा में पुलिस और एसएसबी की तैनाती सुरक्षा के दृष्टिकोण से की गई है। सीमावर्ती गांव अंधेरे में डूबे रहते हैं। इसके चलते लोग असुरक्षा महसूस कर रहे हैं। विद्युत आपूर्ति की कोई समय सीमा फिलहाल नहीं है।

सरकार की ओर से निर्धारित 18 घंटे की विद्युत आपूर्ति के आदेश विभागीय अधिकारियों ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है। सहाबा विद्युत उप केंद्र के सहायक अभियंता की ओर से मोबाइल पर विद्युत सप्लाई ग्रुप बनाया गया है पहले इस ग्रुप पर उपभोक्ताओं की शिकायत दर्ज की जाती थी और उनके निराकरण किए जाते थे। लेकिन अब यह ग्रुप महज विद्युत विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों के नियंत्रण में रह गया है। अब इस ग्रुप का कोई औचित्य नही रह गया। उपभोक्ताओं की परेशानी से विद्युत विभाग का कोई वास्ता नहीं रहा।

इस ग्रुप पर बिजली विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों की ओर से कभी बाहर से रोस्टिंग होने तो कभी लोकल फाल्ट होने का संदेश डालकर उपभोक्ताओं को परेशान किया जा रहा है। उपभोक्ता भी अब इस संदेश को फर्जी बता रहे है। उपभोक्ताओं का कहना है कि विभाग परेशान करने के लिए ऐसे संदेश भेजकर अपनी कार्य प्रणाली पर पर्दा डालने की कोशिश में है। कुछ ग्राम प्रधानों का कहना है कि सरकार की ओर से ग्रामीण इलाकों के लिए 18 घंटे बिजली देने का आदेश है, लेकिन वर्तमान में विभाग की ओर से 8-10 घंटे ही बिजली की आपूर्ति की जा रही है।

उपभोक्ताओं का यह भी कहना है कि सहायक अभियंता उपकेंद्र पर कभी-कभी ही आते हैं। अधिकतर कार्य वह मोबाइल फोन पर बाहर रहकर विद्युत लाइन मैन से करवाते हैं। इस कारण समुचित विद्युत आपूर्ति नहीं हो पा रही है। विद्युत आपूर्ति का आलम यह है कि लाइन अक्सर ट्रिप करती रहती है। ऐसे में बिजली के उपकरण जलने की संभावना अधिक बनी है।

इस संबंध में सहायक अभियंता से बात की गई तो उन्होंने भी बाहर से अधिक रॉस्टिंग होने की बात कही। उनका कहना है कि ऐसे में वह आपूर्ति नहीं दे पा रहे हैं। अब विद्युत उपभोक्ता बाहर से रोस्टिंग और लोकल फाल्ट का संदेश विद्युत विभाग की ओर से जारी किए जाने को लेकर परेशान है। दिन में विद्युत आपूर्ति कुछ मिनट के लिए दो-तीन चक्र में की जाती है। जबकि रात में भी कई बार विद्युत कटौती रोस्टिंग के नाम पर की जा रही है। विद्युत उपभोक्ताओं में अब रोष पनप रहा है।

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