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शीतकालीन सत्र में गंगा-जमुनी तहजीव की दुहाई देने वाला विपक्ष ही महाकुंभ की चर्चा से भागा

24 घंटे पहले ही सदन की कार्रवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, गंगा-जमुनी तहजीव की दुहाई देने वाले ही महाकुंभ पर चर्चा से भागे

जनएक्सप्रेस/राज्य मुख्यालय। स्लोगन लिखी तख्तियां… हाथों को ऊपर उठाकर नारेबाजी करते माननीय और शोरशराबा । कुछ ऐसा ही हाल था गुरुवार को विधानसभा सदन का…। हालात ये थे कि चौथे दिन के सत्र में प्रयागराज में लग रहे देश के सबसे बड़े आयोजन महाकुंभ पर चर्चा होनी थी, लेकिन पहले से ही मन बनाकर सदन में पहुंचे विपक्ष के नेताओं ने महाभारत शुरू कर दिया। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना विपक्ष के नेताओं को शांति बनाने रखने की अपील करते रहे, मगर विपक्षी नेताओं ने नहीं सुनी और हंगामे के बीच कुंभ पर चर्चा चलती रही।

कुंभ पर चर्चा से भागा विपक्ष

महाकुंभ की ब्रांडिंग के लिए सरकार ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। देश के कोने-कोने से लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है। विदेशों में रोड शो करके महाकुंभ की महिमा का गुणगान भी हो रहा है। ताकि दुनिया भारत की संस्कृति, सभ्यता को समझ सके । सनातनी परम्पराओं को जान सके। मगर गंगा- जमुनी तहजीब की बात करने वाला विपक्ष महाकुंभ पर चर्चा से बचता रहा। जबकि विपक्ष ने स्वयं महाकुंभ पर चर्चा करने की मांग उठाई थी।

कुंभ पर विपक्ष का चर्चा न करना सनातनी लोगों का अपमान

सुरेश खन्ना ने कहा की महाकुंभ पर चर्चा से भागना संस्कृति और सनातनी लोगों का अपमान है। महाकुंभ में इस बार 40 करोड़ लोगों के पहुंचने की उम्मीद है। ऐसा आयोजन पूरी दुनिया में कहीं नहीं होता है। इस आयोजन की भव्यता और दिव्यता को लेकर सरकार काम कर रही है, लेकिन विपक्ष चर्चा करने से कतराता रहा और पहले से सेट एजेंडे को लेकर शोर-शराबा करता रहा।

विपक्ष है कि मानता ही नहीं…

विपक्ष के तल्ख तेवरों का अंदाजा पहले से ही था। क्योंकि सत्र से पहले सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने पार्टी विधायकों के साथ बैठक करके सदस्यों से कहा था कि बाबासाहब भीमराव आंबेडकर के अपमान के मुद्दे को विधानसभा में आक्रामकता के साथ उठाएं। इसी निर्देश के बाद ही सपा सदस्य बाबा साहब आंबेडकर की फोटो लेकर सदन में पहुंचे सदन को चलने नहीं दिया।

सदन शुरु होते ही नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने बाबा साहब का अपमान नहीं सहेगा हिन्दुस्तान…. बाबा तेरा मिशन अधूरा, अखिलेश यादव करेंगे पूरा…बाबा साहब अमर रहे… जैसे नारों लगाकार हंगामा खड़ा कर दिया। सपा सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। हंगामे के बीच में ही वित्त मंत्री सुरेश खन्ना विधेयक भी पेश करते रहे और उसे ध्वनिमत से उन्हें पारित भी करवाते रहे। हंगामा जारी रहा। जिसके बाद अध्यक्ष सतीश महाना ने विधानसभा सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।

विधायक कर रहे बाबा साहब का अपमान: सतीश महाना

समाजवादी पार्टी के विधायक डॉ. भीमराव आंबेडकर की तस्वीर लेकर सदन में पहुंचे। डॉ. आंबेडकर के अपमान का आरोप लगाकर माननीय सदन में हंगामा कर रहे थे। इसी बीच कई विधायकों के हाथ में बाबा साहब की तस्वीर ही उल्टी नजर आ रही थी, जिसको लेकर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना विधायकों से अपील करते रहे कि बाबा साहेब के सम्मान की बात करने वाले खुद ही उनका अपमान कर रहे हैं।

हंगामे के बीच अनुपूरक बजट पास, कैग रिपोर्ट भी पेश

हंगामे के बीच विधानसभा में आज अनुपूरक बजट 2 मिनट में पास हो गया। इसके अलावा उत्तर प्रदेश राज्य क्रीड़ा विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम और उत्तर प्रदेश राज्य अनुसूचित जाति जनजाति (संशोधन) भी पास हो गया। साथ ही विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट भी पेश की गई। बता दें कि यह पहला मौका है जब अनुपूरक बजट पर सीएम योगी आदित्यनाथ के वक्तव्य के बिना ही सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी है।

आंबेडकर तो बहाना, कुंभ पर चर्चा न होने देने मकसद

सदन की कार्रवाई स्थगित होने के बाद मीडिया के समक्ष आए संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने विपक्ष पर हमला बोला। कहा, विपक्ष की ही मांग थी कि महाकुंभ को लेकर चर्चा कराई जाए। सदन में चर्चा शुरू भी की थी, लेकिन विपक्ष का मकसद सिर्फ हंगामा करना था जो उन्होंने किया भी। विपक्ष के नेता किसी भी मुद्दे पर चर्चा ही नहीं करना चाहते। वित्त मंत्री ने कहा कि संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम पर विपक्ष राजनीति कर रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री ने सदन में डॉ. आंबेडकर का कोई अपमान नहीं किया, जो पार्टियां अब तक उनका अपमान करती रही हैं, वही ज्यादा बोल रही हैं।

आंबेडकर प्रतिमा के नीचे धरने पर बैठे निष्कासत विधायक

विधानसभा अध्यक्ष महाना से बहस के बाद निष्कासित किए गए सपा विधायक अतुल प्रधान हजरतगंज में बाबा साहब की प्रतिमा के नीचे धरने पर बैठ गए हैं। वहीं सपा विधायक, विधानसभा के अंदर प्रदर्शन रहते रहे। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि बीजेपी ने आंबेडकर का अपमान किया है। आंबेडकर पीडीए के भगवान हैं और हम आंबेडकर के अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे। वहीं सरकार का कहना है कि विपक्ष मुद्दों पर बात नहीं करना चाहता है, वह आंबेडकर के बहाने चर्चा से भाग रहा है। इसके पहले वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा था कि डॉ. भीमराब आंबेडकर का भाजपा ने सबसे ज्यादा सम्मान किया। विपक्ष ने तो संविधान निर्मामा के बनाए संविधान की प्रस्तावना को भी बदल दिया।

सदन की गरिमा बनाए रखना सभी का कर्तव्य

सदन की कार्रवाई शुरू होने से पहले सपा के बागी विधायक मनोज पांडेय ने कहा कि महाकुंभ को लेकर विशेष चर्चा होनी है ये भारतीय संस्कृति का सबसे बड़ा महापर्व है। अतुल प्रधान के सदन से बाहर किए जाने पर मनोज पांडे ने कहा सदन की गरिमा को बनाए रखना सभी सदस्यों का कर्तव्य है। किसी भी बात का विरोध लोकतांत्रिक तरह से ही किया जाना चाहिए। इस तरह से सदन में किसी को बोलना किसी भी सदस्य के लिए उचित नहीं है।

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