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महाकुंभ में तीन शंकराचार्यों ने किया अमृत स्नान, मौनी अमावस्या पर 6 करोड़ श्रद्धालुओं ने किया स्नान

जन एक्सप्रेस/ प्रयागराज: महाकुंभ के 17वें दिन मौनी अमावस्या के अवसर पर, सबसे पहले तीन शंकराचार्यों ने संगम में अमृत स्नान किया। इसके बाद, साधु-संत छोटे-छोटे समूहों में अपने इष्टदेव के साथ सांकेतिक स्नान करने पहुंचे। जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज रथ पर निकलकर संगम घाट पहुंचे, जबकि नागा साधुओं ने तलवारों के साथ जयकारे लगाए। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि महाराज ने भी संगम में स्नान किया। इस दौरान, हेलिकॉप्टर से श्रद्धालुओं और संतों पर फूलों की बारिश की गई।

स्नान के दौरान भगदड़ और प्रशासन की पहल
सुबह तड़के अखाड़ों के साधु-संत अमृत स्नान के लिए संगम की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन अचानक भगदड़ के कारण हालात बिगड़ गए। प्रशासन ने तुरंत कदम उठाकर साधु-संतों से अपील की कि वे स्नान के लिए ना जाएं। इसके बाद, साधु-संतों की बैठक हुई, और पहले तय हुआ कि वे मौनी अमावस्या पर स्नान नहीं करेंगे। हालांकि, तीन घंटे में स्थिति को नियंत्रण में लिया गया, और मुख्यमंत्री ने अखाड़ों से बात की, जिसके बाद साधु-संत अमृत स्नान के लिए राजी हो गए।

स्नान के बाद श्रद्धालुओं की संख्या और प्रशासनिक व्यवस्थाएँ
अब तक लगभग 6 करोड़ करोड़ लोग संगम में स्नान कर चुके हैं और 28 जनवरी तक 20 करोड़ लोग महाकुंभ में हिस्सा ले चुके हैं। प्रशासन की कोशिश है कि श्रद्धालुओं को घाटों पर स्नान के बाद जल्दी से वापस भेजा जाए ताकि भीड़ नियंत्रण में रहे। इस अवसर पर कोई बड़ा जुलूस नहीं निकाला जाएगा, और साधु-संत सांकेतिक रूप से स्नान करेंगे।

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