दिल्ली/एनसीआर

यात्रा’ ने किसी को बनाया PM तो कोई बना CM

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर निकले हैं। 150 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा का आज 31वां दिन है। कांग्रेस का कहना है कि इस यात्रा से ‘असली राहुल गांधी’ निकलकर सामने आए हैं। पार्टी के सीनियर नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को ही कहा कि, ‘लोग कहते हैं कि नए राहुल गांधी दिखाई दे रहे हैं। मैं समझता हूं कि कोई नए राहुल गांधी नहीं दिखाई दे रहे हैं। यही असली राहुल गांधी हैं।’ कांग्रेस नेता भी भले ही इस तरह के दावे करें लेकिन क्या सच में भारत भ्रमण से राहुल को कोई फायदा मिलने वाला है? आखिर इतिहास क्या कहता है? इससे पहले जो नेता भारत यात्रा पर निकले, उन्हें इसका कितना फायदा मिला? आइए जानते हैं…

चंद्रशेखर की ‘भारत यात्रा’
तकरीबन 4 दशक पहले पूर्व प्रधानमंत्री और जनता पार्टी के नेता चंद्रशेखर ‘भारत यात्रा’ पर निकले थे। 6 जनवरी, 1983 को कन्याकुमारी से पदयात्रा शुरू हुई, जोकि नई दिल्ली में 6 महीने बाद पूरी हुई। इस पदयात्रा के दौरान चंद्रशेखर को जनता का बहुत समर्थन मिला और लोग उनसे जुड़ते चले गए। रोजाना तकरीबन 45 किलोमीटर इस यात्रा में तय किया जाता था। जब भारत यात्रा पूरी हुई, तब चंद्रशेखर का कद काफी बढ़ चुका था। पूरी यात्रा के दौरान उन्होंने लोगों की समस्याओं को सुना और उन्हें समझने की कोशिश की। यात्रा के लगभग 6 साल के बाद चंद्रशेखर देश के प्रधानमंत्री बने। वे 10 नवंबर 1990 से लेकर 21 जून 1991 तक प्रधानमंत्री की कुर्सी पर काबिज रहे।

राजीव गांधी की संदेश यात्रा
चंद्रशेखर की पदयात्रा को काफी हद तक सफल माना जाता है। हालांकि, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की घटना ने 1984 के आम चुनाव में इसके प्रभाव को कम कर दिया। तत्कालीन प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष राजीव गांधी ने 1985 में मुंबई में एआईसीसी के पूर्ण सत्र में ‘संदेश यात्रा’ का ऐलान किया। अखिल भारतीय कांग्रेस सेवा दल ने इसे देश भर में चलाया। प्रदेश कांग्रेस समितियों और पार्टी के नेताओं ने मुंबई, कश्मीर, कन्याकुमारी और पूर्वोत्तर से एकसाथ चार यात्राएं निकालीं। यह यात्रा तीन महीने से अधिक समय तक चली, जो दिल्ली के रामलीला मैदान में संपन्न हुई। कहा जाता है कि ‘संदेश यात्रा’ के जरिए आम लोगों के बीच अपनी पहचान बनाने में सफल रहे।

राजशेखर रेड्डी की 1400 किलोमीटर की पदयात्रा
कांग्रेस नेता वाई एस राजशेखर रेड्डी ने अप्रैल 2003 में 1,400 किलोमीटर की पदयात्रा की थी। उन्होंने एक साल बाद कांग्रेस को शानदार जीत दिलाई, और तत्कालीन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) को उखाड़ फेंका था। कांग्रेस की जीत में रेड्डी की पदयात्रा का भी अहम योगदान माना गया था।

चंद्रबाबू नायडू ने 2013 में निकाली यात्रा
वाईएस राजशेखर रेड्डी ने 2004 में पदयात्रा करके चंद्रबाबू नायडू को अपदस्थ कर दिया और 2009 में उन्हें फिर से हराया। टीडीपी नेता ने 2013 में वही रणनीति अपनाई। नायडू 208 दिनों के लिए 2,800 किमी की यात्रा पर निकल गए। इससे एक नेता के रूप में उन्होंने खुद को पुनर्जीवित कर लिया। जनता तक अपनी बात पहुंचाने में सफल रहे। 2014 के विधानसभा चुनावों में नायडू अपनी पार्टी को सत्ता में वापस लेकर आए। यह वही साल था जब के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में तेलंगाना राष्ट्र समिति ने आंध्र प्रदेश से अलग हुए नए राज्य तेलंगाना में जीत हासिल की थी।

पदयात्रा से जगनमोहन रेड्डी को मिली जीत
वाईएसआरसीपी प्रमुख वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने 2017 में विशाल प्रजा संकल्प यात्रा शुरू की। इसमें राज्य भर में 3,500 किमी से अधिक पैदल यात्रा की गई। इस यात्रा के बाद उन्हें 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में एकतरफा जीत हासिल हुई। उनकी पार्टी को जहां 151 सीटें मिलीं, तो वहीं, टीडीपी सिर्फ 23 सीटों पर ही सिमट कर रह गई।

दिग्विजय सिंह की नर्मदा परिक्रमा यात्रा
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की नर्मदा परिक्रमा यात्रा ने राज्य में कांग्रेस पार्टी को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। दिग्विजय सिंह ने 3,000 किलोमीटर से अधिक लंबी पैदल यात्रा की शुरुआत 30 सितंबर 2017 को की। नरसिंहपुर जिले के बरमान घाट से शुरू हुई यह यात्रा 6 महीने के बाद समाप्त भी हुई। इस दौरान सिंह को जनता को खूब समर्थन मिला। इसके बाद 2018 में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सत्ता मिली और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने।

अब बात अगर राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की करें तो यह सच है कि इसके जरिए कांग्रेस लोगों का ध्यान खींचने में सफल हो रही है। यात्रा की तस्वीरें और वीडियो लगातार सामने आ रहे हैं जो जनता के बीच चर्चा का विषय बन रहे हैं। यह निश्चित तौर पर कांग्रेस के लिए अच्छा संकेत है। हालांकि, केंद्र में कांग्रेस का सामना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी है जिसने मानो चुनावों में जीत हासिल करने की महारत हासिल कर ली हो।

JAN EXPRESS

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