तीन साल में खुले दो नए मेडिकल कॉलेज
देहरादून: उत्तराखंड के गठन ने प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे को बदल कर रख दिया है। इलाके के लोगों को बेहतर इलाज के लिए अब दिल्ली-लखनऊ की दौर नहीं लगानी पड़ती है। प्रदेश के मेडिकल पढ़ने के इच्छुक छात्र भी अपने ही प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे हैं। राज्य गठन के बाद उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं में भी व्यापक सुधार हुआ है। इस बीच राज्य में पांच सरकारी मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुके हैं। 1947 में देश के आजाद होने के बाद से वर्ष 2000 तक उत्तराखंड क्षेत्र में एक भी सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने की कोशिश तक नहीं की गई। हालांकि, अब सरकार लोगों के बेहतर स्वास्थ्य पर काम करने का दावा कर रही है। आयुष्मान कार्ड के जरिए भी राज्य में आम मरीजों को पांच लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है।
पुष्कर सिंह धामी की सरकार आम मरीजों के लिए सस्ते और अच्छे इलाज की सुविधाएं बढ़ाने के लिए प्रयास किया है। इसके लिए नए सरकारी अस्पताल खोलने के साथ ही पहले से संचालित अस्पतालों का उच्चीकरण पर जोर दिया जा रहा है। प्रदेश में में मरीजों के लिए आयुष्मान योजना जीवनदायिनी बन रही है। आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश के सभी 23 लाख परिवारों के लिए सालाना पांच लाख रुपए के निशुल्क इलाज की सुविधा दी जा रही है।
आयुष्मान कार्ड धारकों को देश के 22 हजार से अधिक नामी सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में तय सीमा तक निशुल्क इलाज की सुविधा मिल रही है। आयुष्मान योजना के तहत अब उत्तराखण्ड में 70 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 9.60 लाख से अधिक बुजुर्ग मरीजों को भी सालाना 5 लाख रुपए तक का अतिरिक्त मुफ्त इलाज मिलेगा। इससे परिवार के कम उम्र के सदस्यों के इलाज की राशि पर भी असर नहीं पड़ेगा।
तीन साल में खुले दो नए मेडिकल कॉलेज
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के तीन साल के कार्यकाल के दौरान उत्तराखंड में दो नए मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुके हैं। वर्ष 2022 में अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुका है। इसी सत्र से हरिद्वार मेडिकल कॉलेज भी शुरू होने जा रहा है। दोनों कॉलेजों की कुल 200 नई सीटें जुड़ने से उत्तराखंड में एमबीबीएस प्रथम वर्ष में मेडिकल सीटों की संख्या बढ़कर 625 हो गई है।
प्रदेश में श्रीनगर, देहरादून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज पहले से ही संचालित हो रहे हैं। अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज का निर्माण पहले पूरा होने पर यहां 2022 से ही मेडिकल की पढ़ाई शुरू हो चुकी है। वहीं, हरिद्वार मेडिकल कॉलेज का भी निर्माण कार्य पूरा होने से इसी शैक्षिक सत्र से यहां भी एमबीबीएस की 100 सीटों पर प्रवेश का रास्ता साफ हो गया है।
केंद्र सरकार ने हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए मौजूदा शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिए 100 सीटें मंजूर कर दी हैं। इसके अलावा, सरकार जल्द ही पिथौरागढ़ और रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज का निर्माण पूरा करते हुए मान्यता दिलाने के प्रयास में जुटी है। वहीं, ऋषिकेश एम्स लोगों को बेहतर स्वास्थ्य की दिशा में काम कर रही है।