उत्तर प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों की सघन जांच के आदेश

जन एक्सप्रेस / नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में सघन जांच कराने के आदेश दिए हैं। इस जांच के तहत सभी शैक्षणिक संस्थानों में मान्यता और प्रवेश प्रक्रियाओं की पूरी समीक्षा की जाएगी। प्रत्येक जनपद में विशेष जांच टीम गठित की जाएगी, जिसमें वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस विभाग के अधिकारी और शिक्षा विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। इन टीमों को सभी कोर्सेज की सूची और मान्यता प्रमाण पत्र की जांच करनी होगी। यदि कोई संस्थान बिना मान्यता वाले कोर्स संचालित करता पाया गया तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही 15 दिनों के भीतर समेकित रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत करना अनिवार्य होगी। मण्डलायुक्त इस पूरी जांच पर सीधी निगरानी करेंगे।
जांच के दौरान अवैध प्रवेश या बिना मान्यता प्राप्त कोर्स संचालित पाए जाने पर संबंधित संस्थान पर दंडात्मक कार्रवाई के साथ-साथ छात्रों से लिए गए पूरे शुल्क को ब्याज सहित वापस करना अनिवार्य होगा।
यह कदम इलाहाबाद उच्च न्यायालय में हाल ही में दायर एक जनहित याचिका के बाद उठाया गया है। याचिका श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी के मामले को लेकर की गई थी, जिसमें आरोप था कि छात्रों को बार काउंसिल ऑफ इंडिया की मान्यता के बिना लॉ कोर्सेज में प्रवेश दिया जा रहा था। याचिका में यह भी मांग की गई थी कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया अपनी वेबसाइट पर मान्यता प्राप्त और गैर-मान्यता प्राप्त विधि शिक्षा संस्थानों की सूची सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराए।
इस मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) समेत अन्य छात्र संगठनों ने भी विरोध प्रदर्शन किया था। विशेष रूप से बाराबंकी में श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी के खिलाफ एक सितंबर को विधि पाठ्यक्रम में अनियमितताओं के विरोध में प्रदर्शन शुरू किया गया था। इस जनहित याचिका को सौरभ सिंह की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ शंकर दुबे और अनिमेष उपाध्याय ने दायर किया था।






