भेड़ियों का खूनी तांडव: बहराइच में बुजुर्ग दंपती को नोच-नोचकर मार डाला
गन्ने के खेतों में मंडरा रहा है मौत का साया, 6 महीने में 80 से अधिक हमले; ग्रामीण घरों में कैद, वन विभाग लापता

जन एक्सप्रेस / बहराइच : उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में इन दिनों भेड़ियों का आतंक सिर चढ़कर बोल रहा है। सोमवार रात मंझारा तौकली ग्राम पंचायत के प्यारे पुरवा गांव में भेड़ियों ने घर के बाहर सो रहे एक बुजुर्ग दंपती पर हमला कर उन्हें जिंदा नोच डाला। घटना के बाद से पूरे गांव में दहशत का माहौल है।
सोते समय किया हमला, शरीर के अंग चबाए
गांव निवासी खेदन (70) और उनकी पत्नी मनकी (65) रोज की तरह घर से 200 मीटर दूर बने अहाते में सो रहे थे। रात करीब 1 से 2 बजे के बीच भेड़ियों के झुंड ने उन पर धावा बोल दिया। जब तक दोनों कुछ समझ पाते, भेड़ियों ने उन्हें बुरी तरह नोच डाला। दोनों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।
गांव में चीख-पुकार, शव देख बेटे की हालत बिगड़ी
सुबह जब दोनों घर नहीं लौटे तो उनका बेटा झब्बर उन्हें देखने अहाते पहुंचा। वहां खून से सने शव देखकर वह बदहवास हो गया। उसकी चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण जमा हुए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
एक ही रात दो और हमले, महिला सहित दो घायल
उसी रात देवनाथ पुरवा गांव की सेबरी (30) और भृगु पुरवा के रामू पर भी भेड़ियों ने हमला किया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों का इलाज चल रहा है।
वन विभाग पर लापरवाही का आरोप, अधिकारी गायब
ग्रामीणों का आरोप है कि लगातार शिकायतों के बावजूद वन विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा। डीएफओ राम सिंह यादव न मीडिया से बात कर रहे हैं, न फोन उठा रहे हैं। इससे लोगों में रोष और भय दोनों है।
गांव में पहरा, लेकिन डर बरकरार
लगातार हमलों के बाद अब ग्रामीण रात-भर जागकर लाठी-डंडों के साथ पहरा दे रहे हैं। बच्चों और महिलाओं को घर से बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा। कुछ लोगों ने तेंदुआ देखने का दावा भी किया है, लेकिन वन विभाग किसी ठोस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा है।
छह महीने में 80 से ज्यादा हमले, मासूम भी नहीं बचे
10 मार्च 2024 से अब तक बहराइच जिले में भेड़ियों के 80 से अधिक हमले दर्ज हो चुके हैं। इनमें मासूम बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की जान जा चुकी है।
अब तक भेड़िए के हमले में जान गंवाने वालों की सूची:
तारीख पीड़ित का नाम उम्र गांव
10 मार्च 2024 सायरा 03 वर्ष मिश्रनपुरवा
23 मार्च 2024 छोटू 02 वर्ष नयापुरवा
17 जुलाई 2024 अख्तर रजा 1.5 वर्ष मक्कापुरवा
27 जुलाई 2024 प्रतिभा 02 वर्ष नकवा
03 अगस्त 2024 किशन 07 वर्ष कोलैला
18 अगस्त 2024 संध्या 04 वर्ष सिंगिया नसीरपुर
22 अगस्त 2024 खुशबू 04 वर्ष भटौली
25 अगस्त 2024 रीता देवी 52 वर्ष कुम्हारनपुरवा
26 अगस्त 2024 अयांश 05 वर्ष दिवानपुरवा
01 सितंबर 2024 अंजली 02 वर्ष नववन गरेठी
03 जून 2025 आयुष 02 वर्ष गदामार (गढीपुरवा)
10 सितंबर 2025 ज्योति 04 वर्ष परागपुर (मंझारा तौकली)
12 सितंबर 2025 संध्या 4 माह बहोरवा (भौंरी)
20 सितंबर 2025 अंकेश 03 वर्ष गंदूझाला (मंझारा तौकली)
ग्रामीणों की मांग: भेड़ियों को पकड़ने के लिए अभियान चलाया जाए
स्थानीय लोग वन विभाग से मांग कर रहे हैं कि गांवों के पास बसे जंगलों और खेतों में कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाकर भेड़ियों को पकड़ा जाए। साथ ही मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवजा और घायलों को उचित इलाज दिया जाए।






