
जन एक्सप्रेस /देहरादून : उत्तराखंड सरकार ने ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देते हुए ई-स्टांप व्यवस्था को और सरल और प्रभावी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अब आम नागरिक बैंक परिसर में ही डिजिटल स्टांप खरीद सकेंगे, जिससे स्टांप पेपर के लिए लगने वाली लंबी कतारों से मुक्ति मिलेगी।
धामी कैबिनेट का बड़ा निर्णय: कस्टम बांड भी अब ई-स्टांप के दायरे में
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। सरकार ने भारतीय स्टांप अधिनियम, 1899 की अनुसूची-एक ख, अनुच्छेद-28 के तहत कस्टम बांड को डिजिटल ई-स्टांपिंग के लिए अधिसूचित कर दिया है।
इस निर्णय के अंतर्गत 26 गैर पंजीकरण योग्य कस्टम बांड्स को उत्तराखंड स्टांप (ई-स्टांप प्रमाण पत्रों के माध्यम से शुल्क संदाय) (संशोधन) नियमावली में शामिल कर लिया गया है।
डिजिटल पेमेंट से बढ़ेगी पारदर्शिता, राजस्व में होगा सुधार
ई-स्टांपिंग से न केवल प्रक्रिया सुगम होगी बल्कि राजस्व संग्रह में पारदर्शिता और कुशलता भी आएगी। अब स्टांप शुल्क का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक रूप से सीधे बैंक या ऑनलाइन पोर्टल्स के माध्यम से किया जा सकेगा।
आयातकों के लिए भी राहत: ICEGATE पोर्टल से करें भुगतान
भारत सरकार के मान्यता प्राप्त ग्राहक कार्यक्रम के अंतर्गत एक लाख रुपये या अधिक के सीमा शुल्क पर इलेक्ट्रॉनिक स्टांपिंग अनिवार्य कर दी गई है।
अब आयातक ICEGATE (Indian Customs Electronic Data Interchange Gateway) पोर्टल के ज़रिए भी डिजिटल स्टांप शुल्क का भुगतान कर सकेंगे।
क्या होगा लाभ?
नागरिकों को स्टांप खरीद के लिए ऑफिसों में लाइन नहीं लगानी पड़ेगी
प्रक्रिया डिजिटल, पारदर्शी और तेज़ होगी
राजस्व चोरी पर लगाम लगेगी
बैंक परिसर में ही ई-स्टांप सेवा उपलब्ध होगी






