
जन एक्सप्रेस/देहरादून(उत्तराखण्ड) : उत्तराखंड की ऐतिहासिक विरासत अब स्कूलों की किताबों में जीवंत हो रही है। राज्य के एक भूले-बिसरे लेकिन महान योद्धा पुरिया नैथानी को अब स्कूली पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया गया है। माध्यमिक शिक्षा परिषद के कक्षा 6 से 8 के छात्रों को अब उनके जीवन से जुड़े प्रेरणादायक प्रसंग पढ़ने को मिलेंगे। यह निर्णय राज्य सरकार की “हमारी विरासत व विभूतियां” पहल के तहत लिया गया है, जिसका विमोचन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनके मंत्रिमंडल ने किया था।
पुरिया नैथानी, वह वीर योद्धा हैं जिन्होंने मुगल सम्राट औरंगजेब से जजिया कर माफ करवाया था। इतिहास के पन्नों में भले ही इनका नाम उतना प्रसिद्ध न हो, लेकिन अब नई पीढ़ी इनके बलिदान और संघर्ष की कहानी से परिचित होगी।
यह संभव हो पाया है पुरिया ट्रस्ट के संस्थापक निर्मल नैथानी और अध्यक्ष सुनील नैथानी के अथक प्रयासों से। ट्रस्ट द्वारा एक वर्ष तक ऐतिहासिक साक्ष्यों का संकलन और समिति के सामने प्रस्तुतिकरण किया गया। राज्य सरकार द्वारा गठित समिति और एससीईआरटी के विशेषज्ञों ने इन दस्तावेजों का गहन अध्ययन कर निर्णय लिया कि इस ऐतिहासिक व्यक्तित्व को उचित सम्मान मिलना चाहिए।
1 जुलाई 2025 से यह पुस्तक राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में पढ़ाई जा रही है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पहले ही वर्चुअल माध्यम से इस पाठ्य सामग्री को पढ़ाने के तरीकों की जानकारी दी जा चुकी है, और जल्द ही शिक्षकों को भी आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा।