अलविदा की नमाज: मस्जिदों के बाहर रही कड़ी सुरक्षा
प्रयागराज: रमजान में पड़ने वाला आखिरी जुमा शुक्रवार यानि अलविदा की नमाज को लेकर शहर में कड़े सुरक्षा के इंतजाम किए गए। मस्जिदों में नमाजियों की अधिक भीड़ को देखते हुए खास इंतजाम किए गए हैं। पुराने शहर में सुरक्षा को लेकर पुलिस, पीएसी आग आरएएफ की तैनाती पहले से ही कर दी गई है। चौक जामा मस्जिद शिया जामा मस्जिद चक समेत शहर के तमाम मस्जिदों के बाहर फोर्स की कड़ी तैनाती की गई है। सभी मस्जिदों में शांति पूर्वक नमाज अदा की गई।
अलविदा भी नमाज को लेकर मस्जिदों के आसपास के पार्क, खाली मैदान, गेस्ट हाउसमें नमाज पढ़ने का इंतजाम कराया गया। मस्जिद कमेटी और इमाम ने खुद इस बात के लिए अपील की कि सड़क पर नमाज न अदा करें। जौहर की नमाज की तरह अलविदा की नमाज के लिए मस्जिद में अलग-अलग समय तय किया गया। दोपहर 12.50 बजे नमाज शुरू हुई। नमाज के मद्देनजर पूरे शहर में हाई अलर्ट भी जारी किया गया था। शहर के चौक, घंटाघर, करेली अटाला, रसूलपुर, रोशनबाग, नुरुल्लाह रोड, अकबरपुर, नखास कोना, रानी मंडी, दरियाबाद, बहादुरगंज, शाहगंज, सब्जी मंडी, सेवई मंडी, चकिया, धूमनगंज कसारी मसारी, जानसेंगंज, सिविल लाइन, कटरा समेत तमाम इलाकों में सुबह से ही नमाजियों का आना जाना शुरू हो गया। चौक स्थित जामा मस्जिद पर अलविदा की नमाज में हजारों नमाजी पहुंचे।
बता दें कि पहले मस्जिद के सामने ही टेंट लगाकर सड़क पर हजारों लोग नमाज अदा करते थे। शहर के लोग वहां इकट्ठा होते थे। इसके बाद शहर काजी दुआ करते थे। पिछले कई सालों से चौक समेत अन्य इलाकों में सड़क पर नमाज करने को लेकर पाबंदी लगा दी गई। अब जामा मस्जिद में सीमित दायरे में ही लोग नमाज अदा करेंगे।
मस्जिदों के अंदर दो शिफ्ट में अदा हुई नमाज़
माहे मुक़द्दस रमज़ान के पच्चीसवें रोज़े पर रमज़ान के आखरी जुम्मे पर शान्ति और सदभाव के साथ जुम्मतुल अरमान नमाज़ अक़ीदत व ऐहतेराम के साथ सम्पन्न हुई। सरकार व शासन प्रशासन की हिदायत को ध्यान में रखते हुए चौक जामा मस्जिद ,चक शिया जामा मस्जिद, रौशन बाग़ शाह वसीउल्ला मस्जिद, मस्जिद करैली, धोबी घाट हरी मस्जिद रेलवे स्टेशन की बड़ी मस्जिद, दायरा शाह अजमल की खानकाह ए अजमल, रानीमंडी, बख्शी बाज़ार, अकबरपुर , रसूलपुर, अटाला, दरियाबाद, समदाबाद, रानीमंडी, हटिया, बहादुरगंज, बरनतला, शाहगंज, सब्ज़ी मण्डी, कटरा आदि मस्जिदों के अंदर ही बाजमात नमाज़ अदा कराई गई। दायरा शाह अजमल के सज्जादानशीन अलहाज सैय्यद ज़रार फाखरी के अनुसार रोज़ादारों की सहूलियत को दो बार बाजमात पढ़ाई गई। पहली नमाज़ का खुतबा दिन के डेढ़ बजे तो दूसरा खुतबा दिन के ढ़ाई बजे सुनाया गया।