लाठी-डंडा लेकर महिलाओं ने शाहगंज-प्रयागराज मार्ग किया जाम
जन एक्सप्रेस, जौनपुर: बदलापुर कोतवाली क्षेत्र के बटाऊवीर चौराहे पर गुरुवार की शाम कमालपुर गांव की ग्रामीण महिलाओं ने पुलिस की निष्क्रियता से नाराज होकर शाहगंज-प्रयागराज मार्ग पर जाम लगा दिया। महिलाएं और अन्य ग्रामीण लाठी-डंडा लेकर सड़क पर उतर आए, जिससे सड़क पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया। यह विरोध करीब सवा सात बजे शुरू हुआ और इस दौरान वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
पिछले दिनों हुई घटना से जुड़ा मामला
ग्रामीणों ने बताया कि कमालपुर गांव निवासी धीरज गिरी पर गुरुवार की शाम कुछ दबंगों ने हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया। यह कोई पहली घटना नहीं थी। इससे पहले, 3 दिसंबर को भी वही दबंग धीरज के घर चढ़कर मारपीट कर चुके थे। उस समय ग्रामीणों ने एक आरोपी को पकड़कर उसकी बाइक सहित घनश्यामपुर चौकी प्रभारी को सौंप दिया था। लेकिन पुलिस ने आरोपी को बिना किसी कार्रवाई के छोड़ दिया।
पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस की इस कार्रवाई से दबंगों का मनोबल बढ़ गया और उन्होंने दोबारा मारपीट की घटना को अंजाम दिया। इससे गुस्साए ग्रामीण, खासकर महिलाएं, विरोध में सड़क पर उतर आईं। महिलाओं का कहना था कि जब तक दबंगों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होती, तब तक वे अपना विरोध जारी रखेंगी।
पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज
जाम की सूचना मिलते ही कोतवाली प्रभारी निरीक्षक गजानंद चौबे पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारी ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की और मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस आश्वासन के बाद ही जाम समाप्त किया गया और यातायात बहाल हो सका। कार्यवाहक प्रभारी निरीक्षक बदलापुर ने बताया कि पीड़ित धीरज गिरी की तहरीर के आधार पर आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों में अब भी रोष
हालांकि पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है, लेकिन ग्रामीणों में अभी भी नाराजगी बनी हुई है। उनका कहना है कि अगर समय रहते पुलिस ने पहले मामले में कार्रवाई की होती, तो इस तरह की घटनाएं नहीं होतीं। ग्रामीणों ने मांग की है कि पुलिस दबंगों पर कड़ी कार्रवाई करे ताकि गांव में शांति बनी रहे। इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों के विरोध और जाम के चलते क्षेत्र में यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि पुलिस इस बार ठोस कदम उठाकर ग्रामीणों का भरोसा वापस जीतेगी।