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केंद्रीय विश्वविद्यालय BBAU में एबीवीपी छात्रों का हिंसक प्रदर्शन, प्रशासन पर उठे सवाल

कैंपस के गेट का ताला तोड़ अंदर घूसे एबीवीपी छात्र

जन एक्सप्रेस/ लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में 23 दिसंबर 2024 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के लगभग 40-50 छात्रों ने कैंपस के मेन गेट पर हिंसक प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने ताले और गेट की किलों को तोड़ते हुए जबरन अंदर प्रवेश किया। यह घटना तब हुई जब विश्वविद्यालय में सुरक्षा के नाम पर केवल 2-4 होमगार्ड तैनात थे, और पुलिस बल पूरी तरह से अनुपस्थित था। छात्रों की इस हरकत ने कैंपस की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन की विफलता को उजागर किया।

गेट की किलों को तोड़ा गया

अमित शाह के बयान के बाद छात्रों में आक्रोश

इस घटना का केंद्र गृह मंत्री अमित शाह का संसद में दिया गया वह बयान है, जिसमें उन्होंने कहा था, “आजकल अंबेडकर का नाम फैशन बन गया है। अगर लोग भगवान का नाम उतना लेते, तो स्वर्ग मिल जाता।” इस बयान के विरोध में बीबीएयू के छात्रों ने अमित शाह का पुतला जलाकर प्रदर्शन किया। इसके जवाब में एबीवीपी के छात्रों ने गेट तोड़कर और छलांग लगाकर कैंपस में घुसने की कोशिश की। कैंपस के अंदर स्थिति तनावपूर्ण रही और इस घटना ने छात्रों के बीच डर और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया।

प्रशासन और सरकार पर सवाल

इस गंभीर घटना पर विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के छात्र सौरभ कठेरिया ने प्रशासन पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कैंपस के अंदर इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद एक घंटे तक पुलिस बल मौजूद नहीं था। वहीं, जब छात्र किसी और मुद्दे पर विरोध करते हैं, तो पूरा कैंपस छावनी में बदल दिया जाता है। कठेरिया ने इस घटना को “तानाशाही और छात्रों को प्रताड़ित करने” का उदाहरण बताया। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह इस घटना का संज्ञान लें और यह सुनिश्चित करें कि केंद्रीय विश्वविद्यालय में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

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