महराजगंज में बोरिंग के लिए भटक रहे लगभग 2,000 किसान
जन एक्सप्रेस/ महराजगंज: यूपी के जनपद महराजगंज से है जहां मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के तहत किसान बोरिंग के लिए भटक रहे हैं। जिले में 3,400 किसानों को योजना का लाभ मिल चुका है, लेकिन अभी भी लगभग 2,000 किसानों को बोरिंग का इंतजार है। विभाग ने अब लक्ष्य पूरा होने का हवाला देकर हाथ खड़े कर दिए हैं। ऐसे में आवेदन करने के बाद भी बोरिंग नहीं मिलने से किसानों के समक्ष सिंचाई का संकट उत्पन्न हो सकता है।
मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के तहत किसानों को सिंचाई के लिए बोरिंग, पंपसेट व पाइप आदि की सुविधा के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है। सामान्य जाति के पात्रों को योजना के तहत 15,400 रुपये अनुदान दिया जाता है जबकि अनुसूचित जाति के पात्रों को 19,800 रुपये अनुदान दिया जाता है। बाकी रकम किसान को जमा करने होते हैं।
जिले में शासन की तरफ से कुल 3,400 बोरिंग का लक्ष्य निर्धारित किया गया, लेकिन इसके लिए आवेदनों की भरमार रही। कुल 5,400 किसानों ने आवेदन किया, लेकिन विभाग ने कुल 3,400 किसानों की योजना से लाभान्वित कर सका। जबकि 2000 किसान अभी भी वंचित है। ऐसे में कोई किसान तीन माह तो कोई पांच माह से बोरिंग के लिए ब्लाक से लेकर विकास भवन तक भटक रहे हैं। गेहूं की सिंचाई के लिए वर्तमान में पानी की आवश्यकता है। लेकिन इन किसानों को बोरिंग की सुविधा नहीं मिलने से वह धन खर्च कर पंपिंग सेट के जरिये फसलों की सिंचाई कर रहे हैं।
आवेदकों की नहीं हो रही सुनवाई
सदर विकास खंड के दुबौली के रामवेलास और सिसवनिया के विभूती ने बताया कि बोरिंग के लिए काफी पहले ही आवेदन किया था, लेकिन लक्ष्य पूरा होने के कारण यह हम लोगों को नहीं मिल सका।ज खे महराजगंती किसानी के मामले में मिनी पंजाब माना जाता है। ऐसे में शासन को चाहिए कि जनपद को बोरिंग का लक्ष्य तीन गुना बढ़ाकर दिया जाए। ताकि अधिक से अधिक किसानों को शासन की योजना का लाभ मिल सके।
लघु एवं सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता नवीन कुमार सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के तहत निर्धारित लक्ष्य के अनुसार सभी किसानों को लाभान्वित किया जा चुका है। अगले वित्तीय वर्ष में फिर लक्ष्य प्राप्त होगा। इस बार लक्ष्य को बढ़ाकर शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। लक्ष्य मिलते ही पात्रता के आधार पर किसानों को लाभान्वित किया जाएगा। ताकि अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ पा सकें।