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सावधान: दिवाली पर नकली व मिलावटी मिठाइयों का का धंधा जोरों पर, विभाग मौन

नकली मावा, सिंथेटिक दूध से तैयार मिठाइयाँ हो सकती है मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा

जन एक्सप्रेस/महराजगंज: दीपावली और भैया दूज का त्यौहार नजदीक है। बाजारों में मिलावट खोर कारोबारियों का बोलबाला बढ़ गया है। इन दिनों मिठाइयों की सजावट लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। लेकिन इस मिठास के पीछे एक कड़वी सच्चाई भी छिपी है, जो मिलावटी और नकली मिठाइयों का बढ़ता कारोबार है। हालांकि मिलावटी मिठाइयों में प्रयोग होने वाले पदार्थ मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा भी बन सकता है। जबकि संबंधित विभाग सिर्फ औपचारिकता निभाने में जुटा है।
मिली जानकारी के मुताबिक त्यौहारी सीजन में अधिक व्यापक मुनाफा कमाने की लालच में नकली मावा और सिंथेटिक दूध बनाने वाले मिलावटखोर सक्रिय हो चुके हैं। सूत्रों की माने तो महराजगंज जनपद के पनियरा, फरेंदा, निचलौल, नौतनवा, सोनौली, ठूठीबारी, अन्य जगहों पर नकली और घटिया किस्म के मिठाइयों का कारोबार जोरो पर चल रहा है। कारोबारियों द्वारा नकली मिठाइयों को रंग बिरंगे आकषर्क पैकिंग में सजा कर बेचा जा रहा है, ताकि ग्राहकों को धोखा दिया जा सके।

फूड एंड सेफ्टी विभाग मौन, मिलावट खोर मालामाल:
महराजगंज के फूड एंड सेफ्टी विभाग की भूमिका केवल “कोर्रमपूर्ति” तक सीमित है। विभाग के अधिकारी त्योहारों के पहले कुछ चुनिंदा दुकानों से मिठाई के सैंपल लेकर इतिश्री कर लेते हैं, जबकि बाजारों में मिलावट का कारोबार धड़ल्ले से चलता रहता है। विभाग की ढिलाई का फायदा उठाकर कारोबारी नकली मावा, रंग, और सुगंध मिलाकर मिठाइयाँ तैयार धडल्ले से बेच रहे हैं।

सीमावर्ती इलाकों में सबसे ज्यादा खतरा:
भारत-नेपाल सीमा से सटे कस्बों में मिलावटखोरों के लिए यह कारोबार और भी आसान हो गया है। सीमावर्ती व्यापार की आड़ में नकली सामग्री आसानी से अंदर लाई जाती है। इन क्षेत्रों में मिठाइयों की दुकानों पर जो रंगीन मिठाइयाँ सजी हैं, उनमें से अधिकतर नकली या मिलावटी हो सकती हैं।

आम नागरिकों को रहना होगा सतर्क:
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि मिलावटी मिठाइयाँ लिवर, किडनी और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं। ऐसे में ग्राहकों से अपील है कि वे सिर्फ भरोसेमंद दुकानों से ही मिठाइयाँ खरीदें। मिठाई की चमक-दमक से भ्रमित न हों और शक होने पर फूड विभाग को शिकायत दर्ज कराएँ।

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