उत्तर भारत के वकील कोर्ट में ज्यादा चिल्लाते हैं
नई दिल्ली।: मुख्य न्यायाधीश ने गुरुवार को कहा कि उत्तर भारत के वकील ज्यादा जोर से चिल्लाकर बहस करते हैं, जबकि दक्षिण भारत के लोग कूल (आराम से बहस) रहते हैं। शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो रहे मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने एक मामले की सुनवाई के समय ये टिप्पणियां कीं।
एक अनुबंध विवाद पर बहस कर रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और नीरज किशन कौल एक मुद्दे पर भिड़ गए। यह मामला कोर्ट में अंतिम था। जब सिंघवी बहस कर रहे थे तो कौल बीच में हस्तक्षेप करने लगे। सिंघवी नहीं रुके तो कौल ने आवाज ऊंची कर उन्हें रोका और अपनी बात रखनी चाही। इस पर मुख्य न्यायाधीश क्षुब्ध हो गए और कहा कि यह ठीक नहीं है, आप आवाज ऊंची क्यों कर रहे हैं। सिंघवी को बोलने दीजिए।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि जब वह दिल्ली हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश थे तो वहां भी यही होता था। वकील जोर से चिल्लाकर बहस करते थे। यह उत्तर भारत के वकीलों में ही है। दक्षिण के लोग कूल तरीके से बहस करते हैं और चिल्लाते नहीं। हम शांति पसंद करते हैं। कोर्ट ने पूछा कि मनिंदर सिंह (वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व एएसजी) कहां हैं। वह भी काफी ऊंची आवाज में बोलते हैं। बता दें कि मुख्य न्यायाधीश आंध्रप्रदेश से आते हैं।
मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी पर कौल ने माफी मांगी। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि ऊंची आवाज में बोलने से आपकी सेहत भी प्रभावित हो सकती है। आप अपना ध्यान रखें। इसके बाद पीठ उठ गई। लेकिन जाते जाते मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वह बहुत कुछ बोलेंगे, कल उनका आखिरी दिन है और वह विदाई भाषण के दौरान अपने दिल की बात रखेंगे। मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से नाराज हैं। उन्होंने कहा था कि वह बहुत कहना चाहते हैं लेकिन वह अपने कार्यकाल के अंतिम दिन ही कहेंगे।
परंपरा के अनुसार शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश रमना अगले मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित के साथ पीठ साझा करेंगे और मामलों की सुनवाई करेंगे। पीठ में तीसरी जज जस्टिस हिमा कोहली होंगी जो बाद में 16 नंबर कोर्ट में स्थानांतरित हो जाएंगी।