उत्तराखंड

कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी जनों ने वरिष्ठ पत्रकार चंदोला के निधन पर व्यक्त की संवेदना

देहरादून । उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्रकारिता जगत के शीर्ष पर रहे वरिष्ठ पत्रकार हरीश चन्द्र चन्दोला के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की है।

अपने शोक संदेश में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने हरीश चन्द्र चंदोला के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक प्रकट करते हुए कहा कि साठ साल पहले, भारत में पत्रकारिता एक ग्लैमरस पेशा नहीं था। रोमांच की भावना और समाचारों की तलाश में दुनिया की यात्रा करने की इच्छा से प्रेरित कुछ ही पत्रकार थे जिनमें से हरीश चंदोला एक ऐसे युवा थे, जो गढ़वाल की पहाड़ियों से दिल्ली में हिन्दुस्तान टाइम्स के साथ एक संपादकीय सहायक के रूप में शुरुआत की। उन्होंने अपनी पत्रकारिता की जिज्ञासा के चलते तिब्बत से पैदल यात्रा शुरू की थी। ठीक उसी समय जब चीन इस क्षेत्र में अपनी घुसपैठ शुरू कर रहा था और तीन महीने के लिए चीनी सैनिकों ने हरीश चन्द्र चन्दोला को हिरासत में भी लिया गया था।

वर्ष 1954 में तिब्बत में एक नई तरह की चीनी सेना को नोटिस करने वाले वे पहले पत्रकार बने और उन्हीं की रिपोर्ट से पता चला कि चीनी ल्हासा से चीनी मुख्य मार्ग तक 1,700 किमी का निर्माण कर रहा था। उसके बाद पत्रकारिता में छह दशक लंबा करियर था जो उन्हें केन्या और कंबोडिया में संघर्षों, स्वतंत्रता के अल्जीरियाई युद्ध और मध्य में एक सैन्य तख्तापलट के बीच में ले गया। देश में वापस आकर उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री के अनुरोध पर भूमिगत नगा नेताओं के साथ संवेदनशील बातचीत में प्रमुख भूमिका निभाई और बाद में इंदिरा गांधी के कुछ प्रमुख राजनीतिक मुद्दों पर एक विश्वसनीय सलाहकार के रूप में कार्य किया।

हम सब कांग्रेसजन दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं, भगवान स्व. हरीशचन्द्र चन्दोला की आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिवार को इस दु:ख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

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