धूल बन कर उड़ रहा प्रशासन का डर, बैखोफ सड़कों पर दौड़ रही ओवर लोड वाहन
जन एक्सप्रेस, चित्रकूट: जिले के राजापुर तहसील क्षेत्र के तीरमऊ बरुवा घाट में खनिज परिवहन और खनन में सरकारी निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। शासन द्वारा दिए गए 5 साल के पट्टे की आड़ में ठेकेदार स्वीकृत क्षेत्र से बाहर अवैध खनन कर रहा है। ग्रामीणों को ठेकेदार के गुर्गों द्वारा धमकियां दी जा रही हैं, जिससे वे शिकायत करने से डरते हैं। ठेकेदार की मनमानी के कारण क्षेत्र की सड़कें ओवरलोड ट्रकों के चलते पूरी तरह ध्वस्त हो गई हैं, जिससे आम जनता को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
ओवरलोडिंग और अवैध खनन की बढ़ती समस्या
बालू घाट पर खुलेआम ओवरलोडिंग और बिना पंजीकृत वाहनों से परिवहन हो रहा है। राज्य सरकार द्वारा केवल ऑनलाइन पंजीकृत वाहनों को बालू लोडिंग की अनुमति दी गई है, लेकिन घाट प्रबंधक द्वारा इन आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा। साथ ही जेसीबी और पोकलैंड मशीनों के जरिए अवैध खनन हो रहा है, जो महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत मजदूरों को रोजगार देने के निर्देशों का उल्लंघन है। इसके चलते क्षेत्र के गरीब मजदूर रोजगार से वंचित हैं और पलायन को मजबूर हो रहे हैं।
किसानों और सड़कों पर पड़ रहा नकारात्मक प्रभाव
ओवरलोड ट्रकों और खराब सड़कों की वजह से किसानों को भी नुकसान झेलना पड़ रहा है। धूल और डस्ट की वजह से रबी की फसल बर्बाद हो रही है। धर्मकांटे केवल शोपीस बनकर रह गए हैं, और ट्रकों में तौल की पर्ची या गाड़ी नंबर नहीं दिया जा रहा। बिना नंबर प्लेट वाले ट्रक अधिकारीयों की नाक के नीचे से निकलते हैं। इसके अलावा, ध्वस्त सड़कों और गड्ढों के कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं।
स्थानीय लोगों की समस्याओं पर ध्यान देने की आवश्यकता
रोजमर्रा के यातायात में ट्रकों के कारण जाम की स्थिति बनी रहती है, जिससे स्कूली छात्र-छात्राओं और मरीजों को भारी परेशानी होती है। स्थानीय किसान और नागरिक न्याय की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही। यदि अवैध खनन और ओवरलोडिंग पर सख्ती से रोक लगाई जाए और मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए, तो क्षेत्र की कई समस्याओं का समाधान हो सकता है।