दिल्ली/एनसीआर

एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने मध्य वायु कमान के चीफ का कार्यभार संभाला

नई दिल्ली । मध्य वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के पद पर एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित को नियुक्त किया गया है। उन्होंने रविवार को कार्यभार ग्रहण किया। सराहनीय सेवाओं के लिए उन्हें भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति के हाथों अति विशिष्ट सेवा पदक, वायु सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया जा चुका है। प्रयागराज में सेंट्रल एयर कमांड के एओसी-इन-सी के रूप में कार्यभार संभालने पर एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

प्रयागराज में परेड का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण करके शहीदों को श्रद्धांजलि दी। एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित को 06 दिसंबर, 1986 को भारतीय वायुसेना की लड़ाकू शाखा में शामिल किया गया था। एयर ऑफिसर एक प्रायोगिक परीक्षण पायलट और एक योग्य उड़ान प्रशिक्षक हैं। उनके पास भारतीय वायु सेना के विभिन्न विमानों पर 3300 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव है। वे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (बांग्लादेश) और राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने ऑपरेशन सफेद सागर और ऑपरेशन रक्षक जैसे कई ऑपरेशन और अभ्यासों में सक्रिय रूप से भाग लिया है।

वायु सेना में 37 वर्षों से अधिक के अपने शानदार करियर में एयर ऑफिसर ने कई महत्वपूर्ण फील्ड और स्टाफ नियुक्तियां संभाली हैं। कमांडिंग ऑफिसर के रूप में उन्होंने भारतीय वायु सेना की एक स्क्वाड्रन को अत्याधुनिक मिराज विमान से सुसज्जित किया। बाद में पश्चिमी क्षेत्र में एक फ्रंटलाइन लड़ाकू हवाई अड्डे और दक्षिणी क्षेत्र में एक प्रीमियर लड़ाकू प्रशिक्षण अड्डे की कमान संभाली। उन्होंने वायु सेना परीक्षण पायलट स्कूल में एक डायरेक्टिंग स्टाफ के रूप में काम किया है। वे वायु सेना मुख्यालय में प्रिंसिपल डायरेक्टर एयर स्टाफ रिक्वायरमेंट के पद पर रह चुके हैं।

दक्षिणी वायु कमान के कमांडर, वायु सेना मुख्यालय में सहायक वायु सेना प्रमुख (परियोजनाएं) और सहायक वायु सेना प्रमुख (योजनाएं) रह चुके हैं। मध्य वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में कार्यभार संभालने से पहले वह वायु सेना उप प्रमुख पद पर कार्यरत थे। उन्होंने भविष्य की तकनीकों को अपनाने के साथ अपने पिछले कार्यकाल के दौरान कई पथ-प्रदर्शक परियोजनाओं का नेतृत्व किया। सभी परिदृश्यों में मध्य वायु कमान की परिचालन तत्परता वायु अधिकारी कमांडिंग-इन-चीफ का सर्वोच्च एजेंडा होगा, ताकि भारतीय वायु सेना अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक पूरा कर सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button