कानपुर

तंबाकू मुक्त होंगे सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

Listen to this article

केन्द्र में तैनात कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ मरीजों व तीमारदारों को नियमों का करना होगा पालन

जन एक्सप्रेस संवाददाता
कानपुर नगर। स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाली तंबाकू की रोकथाम के लिए कितना भी प्रचार-प्रसार किया जाए लेकिन इस पर लगाम लगना मुमकिन नहीं है। इसको लेकर अब स्वास्थ्य विभाग सख्ती करने जा रहा है और बुधवार को अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एसके सिंह ने साफ कह दिया कि सभी शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों को तंबाकू मुक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि केन्द्रों में तंबाकू का प्रयोग करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, भले ही वह केन्द्र का कर्मचारी या अधिकारी हो। यही नहीं केन्द्र पर आने वाले मरीजों व तीमारदारों को भी नियमों का पालन करना होगा।
स्वास्थ्य विभाग शहरी क्षेत्र में संचालित सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को तंबाकू मुक्त क्षेत्र बनाने की योजना बना रहा है। सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को तंबाकू मुक्त केंद्र घोषित करने के लिए बुधवार को मुख्य चिकित्साधिकारी सभागार में बैठक हुई। स्वास्थ्य विभाग के जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ द्वारा अपर मुख्य चिकित्साधिकारी की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में शहरी केंद्रों के समस्त प्रभारी चिकित्साधिकारी शामिल हुए। राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ. एस. के. सिंह ने सभी केंद्रों को तंबाकू मुक्त व धूम्रपान मुक्त रखने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इसका पालन न केवल केंद्र के स्टाफ को करना होगा। केंद्र में आने वाले सभी लाभार्थियों से भी इसके लिए गुजारिश की जाएगी।
बताया कि सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद नियंत्रण अधिनियम 2003 (कोटपा) के अंतर्गत धारा 4 में सार्वजनिक स्थानों में धूम्रपान करना निषेध है, धारा 6 ए में स्कूल और कॉलेजों के 100 गज की परिधि में तंबाकू उत्पाद बेचना निषेध है। धारा 6 बी में 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों का तंबाकू उत्पाद बेचना या उनसे बिकवाना अपराध की श्रेणी में आता है। जिला तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ की जनपदीय सलाहकार निधि वाजपेयी ने बताया कि केंद्र में कार्यरत लोगों के साथ ही बाहर से आने वालों पर उल्लंघन की स्थिति में कोटपा एक्ट 2003 के तहत जुर्माना लगाया जाएगा। तंबाकू से होने वाली बीमारियों के प्रति सचेत करते हुये उन्होंने बताया कि तंबाकू की वजह से फेफड़े संबन्धित रोग जैसे खांसी, दमा, ह्दय संबन्धित रोग जैसे उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक यानि लकवा, हार्ट अटैक आदि हो जाते हैं। इसी के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता हैं।

जिला अस्पताल में संचालित हैं ‘तम्बाकू उन्मूलन केंद्र’
जनपदीय सलाहकार निधि ने बताया कि जिला पुरुष अस्पताल उर्सला में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिला तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ द्वारा नशा उन्मूलन केंद्र की ओपीडी संचालित की जा रही है। तंबाकू की लत से छुटकारा दिलाने में मदद के लिए जिला सलाहकार व काउंसलर है। यह टीम ओपीडी में आने वाले लोगों की काउंसलिंग करती है और आवश्यकतानुसार उनकी जांच कराई जाती है। ज्यादा गंभीर मरीजों को तंबाकू नियंत्रण विभाग को रेफर किया जाता है। कोटपा एक्ट के तहत यह है प्रावधान सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान अपराध है। सार्वजनिक स्थानों के प्रभारी/मालिक हर प्रवेश द्वार व हर मंजिल पर बोर्ड जरूर लगाएं। बोर्ड 15 सेमी. व्यास का होगा। इसमें काले धुएं के साथ सिगरेट एवं बीड़ी का चित्र होना चाहिए। बोर्ड के नीचे प्रभारी या मालिक का नाम व मोबाइल नंबर भी लिखना चाहिए, जिससे उससे इसकी शिकायत की जा सके। सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट, लाइटर एवं बीड़ी सिगरेट जलाने के लिए माचिस या अन्य उपकरण, ऐश ट्रे आदि नहीं उपलब्ध कराना है केवल 30 कमरों से अधिक वाले होटल, 30 व्यक्तियों से अधिक बैठने की क्षमता वाले भोजनालय एवं एयरपोर्ट में अलग से स्मोकिंग जोन बनाया जा सकता है। वह भी कानूनी प्रावधानों के अनुरूप ही होगा। उक्त नियमों का उल्लंघन करने पर 200 रुपये का जुर्माना हो सकता है।

 

 

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button