उत्तर प्रदेशलखनऊ

बीजेपी और बीएसपी को लगा बड़ा झटका,सुभाष और बसपा के डॉ. राजेश सपा में शामिल

लखनऊ: जनपद में बीजेपी और बीएसपी को बड़ा झटका लगा है। जलालपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व विधायक सुभाष राय और जलालपुर विधानसभा क्षेत्र से बसपा के पूर्व प्रत्याशी राजेश सिंह सपा में शामिल हो गए। वहीं राजेश सिंह के पिता शेरबहादुर सिंह जलालपुर से पांच बार विधायक रह चुके हैं।

बता दें कि आखिरकार लंबे समय से दो नेताओं के पाला बदले जाने की चर्चा अंतत: बुधवार को सच साबित हो गई। जहां जलालपुर विधानसभा के दो बड़े दिग्गज नेता सपा में शामिल होकर साइकिल पर सवार हो गए। बीते कई माह से इन दोनों नेताओं पर बराबर चर्चा चल रहा था कि यह दोनों नेता जल्द ही पाला बदलकर समाजवादी पार्टी का दामन थाम सकते हैं। बुधवार को भाजपा नेता और पूर्व विधायक सुभाष राय व बसपा नेता राजेश सिंह लखनऊ पहुंचकर पार्टी कार्यालय में सपा का दामन थम लिए। बसपा नेता डॉक्टर राजेश सिंह दो बार विधानसभा का चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़े थे, लेकिन इनको हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद भाजपा को बाय-बाय करते हुए बसपा का दामन थामा और बसपा से चुनाव लड़े वहां भी इनको हार का सामना करना पड़ा। अब यह अपने भविष्य को उज्जवल करने के उद्देश्य से बसपा को भी बाय-बाय कहते समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। वहीं सपा से विधायक रह चुके सुभाष राय बीजेपी का दामन सपा से टिकट न मिलने पर थाम लिए थे। जो बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन इन्हें भी पराजित होना पड़ा। इस बीच कई महीनो से लोगों में यह चर्चा चल रहा था कि यह दोनों लोग जल्द ही समाजवादी पार्टी का दामन थाम सकते हैं। आखिरकार बुधवार को सच साबित हो गया और यह दोनों लोग लखनऊ समाजवादी पार्टी कार्यालय पहुंचकर सपा का दामन थाम लिए।

भाजपा को नहीं होगा नुकसान
भाजपा के जिला उपाध्यक्ष डॉ. रजनीश सिंह ने बताया कि इनको विधायक और सांसद बनने की इच्छा है, लेकिन जनता की सेवा का कोई भाव नहीं है। निजी स्वार्थ में व्यक्तिगत लाभ के लिए यह पीडीए गठबंधन में शामिल हुए हैं। जिसका अर्थ होता है पर्सनल डेवलपमेंट अथॉरिटी। यह लोग अपने को डेवलपमेंट करने का कार्य करते हैं, जबकि भाजपा सर्व समाज की पार्टी है और सर्व समाज को सम्मान देने का कार्य करती है। इनके जाने से भाजपा को कोई नुकसान होने वाला नहीं है। जब इनको पार्टी की जरुरत थी तो पार्टी ने इनका साथ दिया, लेकिन अब पार्टी को इनकी जरूरत है, तो इन्होंने साथ छोड़ दिया है।

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