समाधान दिवस में उठा आवास आवंटन में भ्रष्टाचार का मामला, जॉच की मांग
खिचरी ग्राम पंचायत में आवास आवंटन में हुई अनियमितता के जांच की मांग
चित्रकूट।
मानिकपुर तहसील में शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में हुए भ्रष्टाचार का मामला गूंजाता रहा।पाठा क्षेत्र के खिचरी ग्राम पंचायत में आदिवासियों को मिले मुख्यमंत्री कोल आवास आवंटन में भारी धांधली का आरोप लगाया गया है।
शनिवार को मानिकपुर तहसील में आयोजित समाधान दिवस में खिचरी ग्राम पंचायत में आवास आवंटन में धांधली का मुद्दा उठाया गया है। जहां ग्रामीण राजकुमार पुत्र सूरजबली निवासी खिचरी ने प्रभारी अधिकारी संपूर्ण समाधान दिवस को शिकायती पत्र देकर आवास आवंटन में हुई धांधली का आरोप लगाते हुए भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। संपूर्ण समाधान दिवस में सौंपे शिकायती पत्र में बताया कि खिचरी ग्राम पंचायत की प्रधान उर्मिला देवी और ग्राम विकास अधिकारी बालगोविंद मौर्य द्वारा पात्र लोगों का नाम काटकर उन लोगों को आवास दिया है जिनको पूर्व में आवास योजना का लाभ मिल चुका है। आरोप है कि मुख्यमंत्री कोल आवास सिर्फ कोल जाति के लोगों को दिए जाने का प्रावधान था, लेकिन जातिवादी मानसिकता से ग्रसित ग्राम विकास अधिकारी बालगोविंद मौर्य ने सजातीय लोगों को आवास दिया है। शिकयती पत्र में बताया कि पिछड़ा वर्ग के लाभार्थियों को कोल जाति का बताकर आवास दिया गया है। खास बात यह है कि ग्राम पंचायत खिचरी में अंजू पत्नी उमेश और मनगवां ग्राम पंचायत में उमेश पुत्र राजकरण के नाम पति – पत्नी दोनों को कोल आवास दिया गया है। शिकायतकर्ता राजकुमार ने बताया कि प्रधान पति संपतलाल के द्वारा दावा किया जा रहा है कि वह लखनऊ के उच्चाधिकारियों को रिश्वत देकर सूची बदलवाकर आवास पास कराया है। शिकायतकर्ता ने बताया बातचीत का आडियो सुरक्षित है। जिसमें सरकार की छवि को धूमिल किया जा रहा है। मेरे पास भ्रष्टाचार के एक -एक साक्ष्य उपलब्ध हैं। इस मामले को लेकर ग्राम विकास आधिकारी बालगोविंद मौर्य से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन फोन से उनसे संपर्क नहीं हो पाया।