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गुजरात दंगे से जुड़े सभी केस की सुनवाई को किया बंद

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सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े सभी केस की सुनवाई को बंद कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा दायर दस याचिकाओं का निपटारा किया, जिसमें 2002 के गुजरात दंगों के दौरान हिंसा के मामलों में उचित जांच की मांग की गई थी। इन मामलों में एनएचआरसी द्वारा दायर स्थानांतरण याचिकाएं, दंगा पीड़ितों द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिकाएं और 2003-2004 के दौरान एनजीओ सिटीजन्स फॉर जस्टिस एंड पीस द्वारा दायर रिट याचिका शामिल थी, जिसमें हिंसा के मामलों में गुजरात पुलिस से सीबीआई को जांच स्थानांतरित करने की मांग की गई थी।

भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने मामलों को निराधार करार दिया है। अदालत ने दंगों से संबंधित नौ मामलों की जांच और अभियोजन के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया था। इनमें से आठ मामलों में सुनवाई पूरी हो चुकी है। एसआईटी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पीठ को बताया कि नरोदा गांव क्षेत्र से संबंधित केवल एक मामले (नौ मामलों में से) की सुनवाई अभी लंबित है और अंतिम बहस के चरण में है। अन्य मामलों में, परीक्षण पूरे हो गए हैं और मामले उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष अपीलीय स्तर पर हैं। इस बीच सुप्रीम कोर्ट एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ की याचिका पर भी सुनवाई करेगी। तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात दंगों से जुड़े फर्जी सबूत पेश करने और निर्दोष लोगों को फंसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

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