उत्तराखंड

निर्जला एकादशी पर काले बादलों के बीच श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

ऋषिकेश । निर्जला एकादशी पर आसमान में छाये घने बादलों के बीच हजारों श्रद्धालुओं ने देवभूमि ऋषिकेश के विभिन्न घाटों पर गंगा में आस्था की डुबकी लगा कर दान पुण्य का किया। यह सिलसिला दिनभर अनवरत चलता रहा।

बुधवार को निर्जला एकादशी पर्व पर तड़के चार बजे से ही श्रद्धालुओं के गंगा घाटों पर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। पूरे दिन त्रिवेणी पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहा। हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं ने तड़के से ही गंगा में आस्था की डुबकी लगानी शुरू कर दी थी। इसके साथ ही सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार में सुख-समृद्धि की कामना की गई। श्रद्धालुओं ने मान्यता के अनुसार सुराही, ककड़ी, खीरा व पंखा आदि भी दान किया। इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होने के कारण गरीबों को फल, सुराही, ठंडी वस्तुएं, खीरा-ककड़ी, खरबूजा, हाथ का पंखा, गायों को चारा सहित अन्य दान किया।

ज्योतिषाचार्य राजेंद्र नौटियाल के अनुसार ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी तिथि सबसे श्रेष्ठ मानी गई है। अगर कोई 24 एकादशी का व्रत नहीं करता और सिर्फ निर्जला एकादशी करता है तो उसे उन 24 एकादशियों का फल प्राप्त होगा। शास्त्रों में निर्जला एकादशी व्रत को बहुत कठिन माना गया है।

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