तुलसी जयंती महोत्सव के दूसरे दिन उमड़ा भक्तों का सैलाब,सांस्कृतिक कार्यक्रमो की धूम
जन एक्सप्रेस।चित्रकूट
तुलसी जन्मभूमि राजापुर में अयोजित तुलसी जयंती महोत्सव के दूसरे दिन भक्तों का रेला उमड़ पड़ा। पूज्य गुरुदेव रामदास महाराज के श्रीमुख से शिव पार्वती विवाह का जीवंत चरित्र-चित्रण किया गया। हजारों भक्तों वा साधु – संतों ने रामचरित मानस का नवान्ह परायण किया। मानस की चौपाइयों को पढ़ भक्त भावविभोर होते रहे। तुलसी जयंती महोत्सव कार्यक्रम के आज दूसरे दिन चित्रकूट,बांदा,कौशांबी, प्रयागराज,अयोध्या,वृंदावन मथुरा से हजारों श्रद्धालु ,भक्तगण, दर्शनार्थी वा श्रोतागण और तुलसी भक्तो का जनसैलाब उमड़ पड़ा। इस आयोजन में तुलसी सेवा परिवार के सदस्य अशोक सोनी, अनिल देवरवा, उमेश सोनी,वीरेंद्र द्विवेदी सतीश मिश्रा, राधेश्याम सोनी, राम आश्रय त्रिपाठी, अनिल चतुर्वेदी, अंगद चतुर्वेदी राजेंद्र पांडेय, हंसराज सिंह वा नगर, क्षेत्र के हजारों तुलसी भक्त सेवा कार्य में लगे रहे।
महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमो की धूम
तुलसी जन्म जयंती महोत्सव मे सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम है। भक्त बड़े भाव के साथ महोत्सव मना रहे हैं। तुलसी भक्तों की तुलसी सेवा परिवार ने खाने-पीने और ठहरने की समुचित व्यवस्था किया है। दूर दराज से आने वाले साधु महात्मा दर्शनार्थियों को सुबह बाल भोग से लेकर रात्रि भोजन प्रसादी की सुन्दर व्यवस्था की है। जिसमें हजारों भक्तगण सुबह से शाम तक भंडारे का पूरा आनंद उठाते हैं और तुलसी जन्म जयंती महोत्सव कार्यक्रम में सम्मिलित होकर अक्षय पुण्य के भागी बन रहे हैं।
नवान्ह पारायण पाठ प्रारंभ
तुलसी जन्मभूमि राजापुर धाम में चल रहे दस दिवसीय तुलसी जन्म जयंती महोत्सव कार्यक्रम के आज दूसरे दिन कालिंद्री तट के निकट तुलसी घाट पर नगर के विद्वान आचार्यो के द्वारा श्रीमद् रामचरितमानस का विधिवत षोडशोपचार पूजन-अर्चना कर नवाह्नपारायण का पाठ प्रारंभ हुआ है। परम पूज्य गुरुदेव रामदास महाराज के श्रीमुख से नवाह्नपारायण के पाठ का शुभारंभ किया गया, जिसमे नगर और क्षेत्र की हजारों लोगों वा साधु- संतों ने पाठ का गायन किया। सुबह 10:30 बजे से दोपहर 1:30 तक से नवाह्म पारायण का पाठ किया गया। प्रतिदिन इसी क्रम से चलेगा।
अनवरत चल रहा भंडारा
नवाह्व पारायण पाठ के उपरांत हजारों की तादाद में तुलसी घाट के विशाल प्रांगण में मौजूद समस्त तुलसी भक्तों ने चल रहे दिव्य भंडारे में पहुंच कर तुलसी बाबा के नाम का जयकारा लगाते हुए एक साथ पंगत में बैठकर भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया।