देश

मां विंध्यवासिनी के कूष्मांडा स्वरूप का दर्शन पाकर निहाल हुए भक्त, विंध्य पर्वत गुलजार

Listen to this article

मीरजापुर। ब्रह्मांड की रचना करने वाली देवी भगवती मां विंध्यवासिनी के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा अर्चना रविवार को श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से की। शारदीय नवरात्र के चौथे दिन भक्तों का हुजूम मां विंध्यवासिनी धाम के साथ ही मां अष्टभुजा व मां काली के दरबार में उमड़ पड़ा।

विंध्यधाम में भोर की मंगला आरती के बाद से दर्शन-पूजन का दौर शुरू हुआ, जो अनवरत चलता रहा।

विंध्यधाम में पिछले तीन दिनों की अपेक्षा आज अधिक भीड़ रही। चौथे दिन सुबह पचास हजार से अधिक भक्तों ने मां की चौखट पर हाजिरी लगाई। भक्त बड़े ही भक्ति-भाव से मां का जयकारा लगा रहे थे। भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था। मां कूष्मांडा का विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर मंगलकामना की। कुष्मांडा देवी को हरी इलायची, सौंफ और कुम्हड़े का भोग लगाया गया। मां विंध्यवासिनी के दर्शन-पूजन के बाद भक्तों ने मंदिर परिसर पर विराजमान समस्त देवी-देवताओं के चरणों में मत्था टेका। इसके बाद विंध्य पर्वत पर विराजमान मां अष्टभुजा व मां काली के दर्शन को निकल पड़े। यहां पहुंचने के बाद दर्शन-पूजन कर भक्तों ने त्रिकोण परिक्रमा की।

नवरात्र के चौथे दिन बरतर तिराहा से थाना कोतवाली रोड होते हुए मंदिर, अमरावती चौराहा से बंगाली तिराहा व बरतर से लेकर रोडवेज तक श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। नगर पालिका की ओर से साफ-सफाई व्यवस्था दुरुस्त कर लिया गया है। इससे श्रद्धालुओं को कठिनाईयों का सामना नहीं करना पड़ा।

देवी कूष्मांडा का ऐसा है अद्भुत स्वरूप

देवी कूष्मांडा का स्वरूप मंद-मंद मुस्कराहट वाला है। कहा जाता है कि जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था तो देवी भगवती के इसी स्वरूप ने मंद-मंद मुस्कराते हुए सृष्टि की रचना की थी। इसीलिए ये ही सृष्टि की आदि-स्वरूपा और आदिशक्ति हैं। देवी कुष्मांडा का निवास सूर्यमंडल के भीतर के लोक में माना गया है। वहां निवास कर सकने की क्षमता और शक्ति केवल देवी के इसी स्वरूप में है। मां के शरीर की कांति और प्रभा भी सूर्य के समान ही है। देवी कूष्मांडा के इस दिन का रंग हरा है। मां के सात हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र और गदा है। वहीं आठवें हाथ में जपमाला है, जिसे सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली माना गया है। मां का वाहन सिंह है।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button