वाराणसी

बैठक की पूर्व संध्या पर बीएचयू में जी-20 डोमेस्टिक आउटरीच कार्यक्रम सम्पन्न

वाराणसी । चौथे जी—20 सतत वित्त कार्य समूह (एसएफडब्ल्यूजी) की वाराणसी में बुधवार से शुरू हो रही बैठक की तैयारियां पूरी हो गई है। बैठक की पूर्व संध्या पर मंगलवार को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में सतत, संतुलित और समावेशी विकास की ओर (एसएसबीआईजी)’ विषय पर एक जी-20 डोमेस्टिक आउटरीच कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। आउटरीच कार्यक्रम में परामर्शदाता, वित्त मंत्रालय भारत सरकार गीतू जोशी ने डोमेस्टिक आउटरीच कार्यक्रम में दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के प्रमुख परिणामों और उपलब्धियों को बताया। उन्होंने बताया कि मजबूत, सतत, संतुलित और समावेशी विकास का लक्ष्य प्राप्त करना, सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजीएस) पर प्रगति में तेजी लाना, सतत भविष्य के लिए हरित विकास समझौता, 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थानों का विकास, तकनीकी परिवर्तन और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, और लैंगिक समानता तथा सभी महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाने पर भी चर्चा हुई।

दो सत्र में आयोजित कार्यक्रम के पहले सत्र में ‘भारत में सामाजिक प्रभाव निवेश को बढ़ाना’ विषय पर अनुभव साझा करने वाली प्रस्तुतियों को शामिल किया गया। एजीएम, सेबी अभिषेक रोज़तकर ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज और विजयलक्ष्मी सक्सेना ( सीएफओ,एजुकेट गर्ल्स )ने डेवलपमेंट इम्पैक्ट बॉन्ड पर क्रमशः प्रस्तुतियाँ दी। दूसरे सत्र में जी-20 एसएफडब्ल्यूजी के सभी प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर एक पैनल चर्चा शामिल थी। पैनल में डॉ. ध्रुब पुरकायस्थ ( भारत निदेशक, सीपीआई), अश्विनी कुमार तिवारी ( एमडी, एसबीआई),रोशिका सिंह (सीनियर कंट्री ऑफिसर, इंडिया-आईएफसी) ने भागीदारी की।

पैनलिस्टों ने विषय पर अपने विशाल अनुभव को साझा कर जी-20 एसएफडब्ल्यूजी के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर विभिन्न उपयोगी सुझाव दिए। इसमें’जलवायु वित्त के लिए समय पर और पर्याप्त संसाधन जुटाने के लिए प्रणाली’, ‘एसडीजी के लिए वित्त पोषण करना’ और ‘सतत विकास की दिशा में वित्त पोषण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र का क्षमता निर्माण’भी शामिल रहा। पैनल का संचालन आरबीआई के मुख्य महाप्रबंधक बृजराज ने किया।

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