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गौतम अडाणी दो बार मौत को करीब से देख चुके हैं

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गौतम अडाणी की कौन-कौन-सी कंपनियों के शेयर कितना और बढ़ेंगे ताकि उसमें पैसा लगाकर वह भी मालामाल हो सकें। लोग जानना चाहते हैं कि गौतम अडाणी की इस सफलता का राज क्या है? अडाणी की सफलता के राज के बारे में तमाम तरह की कहानियां आपको इंटरनेट की दुनिया में मिल जायेंगी लेकिन बहुत कम लोग होंगे जो गौतम अडाणी के संघर्ष और उनके जीवन की उन चुनौतियों के बारे में जानते होंगे जिन पर विजय हासिल कर यह शख्स दुनिया का तीसरा सबसे अमीर आदमी बन गया है। आज की रिपोर्ट में गौतम अडाणी के जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य आपको बतायेंगे लेकिन जरा उससे पहले जान लीजिये उनकी हालिया सफलता के बारे में।

गौतम अडाणी 137.4 अरब डॉलर (करीब 11 लाख करोड़ रुपए) की नेटवर्थ के साथ दुनिया के तीसरे सबसे अमीर कारोबारी बन गए हैं। फ्रांस के बर्नार्ड अरनॉल्ट को पछाड़कर गौतम अडाणी ने ये मुकाम हासिल किया है। इसके साथ ही यह भी पहली बार है जब कोई एशियाई व्यक्ति ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के टॉप थ्री में शामिल हुआ है। गौतम अडाणी अब इस रैंकिंग में केवल ऐलन मस्क और बेजोस से पीछे हैं। हम आपको बता दें कि टेस्ला कंपनी के संस्थापक एलन मस्क 251 बिलियन डॉलर की नेटवर्थ के साथ इस सूची में पहले नंबर पर है और अमेजन कंपनी के प्रमुख जेफ बेजोस 153 अरब डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर हैं। अडाणी टॉप-10 लिस्ट में शामिल एकमात्र भारतीय हैं। जहां तक रिलायंस कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी की बात है तो वह यह सूची बनते समय 91.9 अरब डॉलर यानि 7.3 लाख करोड़ रुपए की नेटवर्थ के साथ 11वें नंबर पर थे। हम आपको यह भी बता दें कि गौतम अडाणी 4 अप्रैल को सेंटीबिलियनेयर्स क्लब में शामिल हुए थे। गौरतलब है कि 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा नेटवर्थ वाले व्यक्तियों को सेंटीबिलियनेयर कह कर पुकारा जाता है।

अडाणी की इस कामयाबी से पूरी दुनिया आश्चर्यचकित है। लेकिन अडाणी आज जो कुछ भी हैं उसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत भी की है और किस्मत ने भी उनका खूब साथ दिया है। लेकिन उन्होंने चुनौतियों का भी सामना किया है और दो बार मौत को करीब से भी देखा है। क्या आप जानते हैं कि दुनिया के तीसरे नंबर के सबसे अमीर शख्स गौतम अडाणी को कभी किडनैप कर लिया गया था? सुनकर चौंक गये ना आप। चौंकिये मत ये मामला 1 जनवरी 1998 का है। उस समय गौतम अदाणी उभरते हुए बिजनेसमैन थे। बताया जाता है कि गौतम अडाणी अपनी साथी कारोबारी शांतिलाल पटेल के साथ अपनी कार से जा रहे थे। रास्ते में एक स्कूटर ने ओवरटेक करते हुए उनकी गाड़ी रुकवा ली और अचानक से एक वैन में कुछ लोग आये और उनका अपहरण कर एक अंजान जगह ले गये। बताया जाता है कि अपहरणकर्ताओं ने उनको छोड़ने के लिए 11 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी। हालांकि यह कभी साफ नहीं हो पाया कि क्या अडाणी और उनके साथी को फिरौती देकर ही छुड़वाया गया था? खुद अडाणी भी कभी इस बारे में बात नहीं करते और इसे एक बुरे सपने के रूप में भुलाना चाहते हैं। एक बार जब लंदन में एक पत्रकार ने उनसे इस संबंध में सवाल पूछा था तब भी वह उस सवाल को टाल गये थे।

यही नहीं साल 2008 में भी गौतम अडाणी तब फंस गये थे जब मुंबई पर 26/11 वाला हमला हुआ था। 26 नवंबर 2008 को अडाणी ताज होटल में डिनर के लिए गये थे लेकिन तभी वहां आतंकवादियों ने हमला बोल दिया और जिन लोगों को बंधक बनाया उनमें गौतम अडाणी भी शामिल थे। अडाणी ने एक साक्षात्कार में उस घटना की जानकारी देते हुए कहा था कि उस वक्त उनके साथ 100 से ज्यादा लोग फंसे थे। सभी लोग अपनी जान बच जाने के लिए प्रार्थना कर रहे थे। अडाणी ने साक्षात्कार में बताया था कि उन्होंने अपने परिवार से बात कर उनको ढाढस बंधाया था और वह होटल के बाहर कार में इंतजार कर रहे अपने ड्राइवर और कमांडो के भी संपर्क में थे। अडाणी ने बताया था कि 26 नवंबर की पूरी रात उन्होंने होटल के चैंबर में गुजारी थी। 27 नवंबर 2008 को सुबह सुरक्षा बलों ने करीब 8.45 बजे उन्हें तथा अन्य लोगों को बाहर निकाला था। साक्षात्कार में इस घटना के बारे में बताते हुए गौतम अडाणी ने कहा था कि ‘मैंने 15 फीट की दूरी से मौत को देखा है।’

जहां तक गौतम अडाणी के निजी जीवन की बात है तो आपको बता दें कि उनका जन्म अहमदाबाद में एक सामान्य परिवार में 24 जून 1962 को हुआ था। उन्होंने शुरुआती शिक्षा अहमदाबाद के सेठ चिमनलाल नगीनदास विद्यालय से हासिल की और उसके बाद गुजरात विश्वविद्यालय से कॉमर्स की पढ़ाई शुरू की लेकिन यह पूरी नहीं हो पायी। अपने पिता शांतिलाल के कपड़े के छोटे व्यापार में गौतम अडाणी का मन नहीं लग रहा था इसीलिए वह पढ़ाई बीच में ही छोड़कर 17 साल की उम्र में मुंबई आ गये थे। मुंबई में गौतम अडाणी ने हीरा व्यापारी महिंद्रा ब्रदर्स के यहां दो साल तक काम किया। उसके बाद 20 साल की उम्र में उन्होंने मुंबई में खुद का डायमंड ब्रोकरेज का काम शुरू किया जिससे पहले ही साल में उन्हें लाखों रुपए का फायदा हुआ। इसके बाद से तो गौतम अडाणी कंपनियां खोलते गये और अब तक वह जीवन से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी चीजों संबंधी कंपनियां खोल चुके हैं।

अडाणी समूह ने हाल ही में NDTV में भी हिस्सेदारी ले ली है। इससे पहले मई महीने में गौतम अडाणी की कंपनी ने होल्सिम का भारतीय सीमेंट कारोबार खरीदने का ऐलान किया था। इस अधिग्रहण के जरिये अडाणी समूह एक झटके में भारतीय सीमेंट उद्योग में दूसरे स्थान पर पहुंच गया। इसके अलावा अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड भारत का सबसे बड़ा निजी पोर्ट ऑपरेटर है।

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