भारत और सनातन धर्म को बचाने के लिए हिन्दुओं को एकजुट होने की आवश्यकता : स्वामी ईश्वरदास

ऋषिकेश । उत्तराखंड संत समिति के प्रदेश अध्यक्ष स्वामी ईश्वर दास ने कहा कि पूरे देश में विधर्मियों के कराए जा रहे धर्म परिवर्तन को देखते हुए आज भारत और सनातन धर्म को बचाने के लिए हिन्दुओं को एकजुट होने की आवश्यकता है। यह बात स्वामी ईश्वरदास ने मायाकुंड स्थित गुजराती आश्रम में राष्ट्रीय हिन्दू संगठन ऋषिकेश इकाई के कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता के रूप में कही।
गुजराती आश्रम में भारत में पंचम स्थान प्राप्त किए जाने पर आयोजित सम्मान समारोह के दौरान उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जिसकी रक्षा के लिए हमारी वीरांगनाओं ने अपने प्राणों की बलि तक दी। देश और सनातन धर्म की रक्षा के लिए, हंसते हंसते अपने को दीवारों में चिनवा दिया। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इसे बचाए जाने के लिए हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिया। आज भी सनातन धर्म की रक्षा के लिए मथुरा में कृष्ण और काशी में विश्वनाथ की भूमि को बचाए जाने के लिए संघर्ष किया जा रहा है। हिन्दुओं की एकजुटता के चलते भगवान राम का भव्य मंदिर बनाया जा रहा है। भारत में ऐसे मंदिरों का निर्माण किया जा रहा है ,जिसे विधर्मियों ने ध्वस्त कर दिया था। एक बार फिर हिन्दुओं को सनातन धर्म की रक्षा के लिए एकजुट होने की आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि सरकार लव जिहाद जैसे मामलों को लेकर काफी गंभीर है। जल्द ही उत्तराखंड में नागरिकता संहिता कानून लागू कर दिया जाएगा। इस पर राज्य सरकार तेजी से कार्य कर रही है।
संगठन की समस्या समाधान समिति के अध्यक्ष राजेश्वर शर्मा, प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष अजय वर्मा, प्रदेश सह प्रभारी गणेश शर्मा, प्रदेश मंत्री सुभाष सैनी ने बताया कि सबका साथ ,सबका प्रयास भारत बने हिन्दू राष्ट्र, के नारे के साथ आज पूरे देश में जन जागरण अभियान चलाया गया है। विकास संगठन तब तक शांत नहीं बैठेगा, जब तक हिन्दू समाज सनातन धर्म की रक्षा के लिए एकजुट नहीं होगा। अब समय आ गया है सबको एकजुट होकर देश में बहुत तेजी के साथ फैल रहे लव जिहाद धर्म परिवर्तन जैसी घटनाओं को रोकना होगा।
वक्ताओं ने कहा कि आज उत्तराखंड भी इस प्रकार की घटनाओं से अछूता नहीं है, जिसका ताजा उदाहरण बाबा विश्वनाथ की धरती उत्तरकाशी में भी देखने को मिला है। इस दौरान देहरादून जिले की कार्यकारिणी का विस्तार भी किया गया।