लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ीं
बिहार: नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के पूर्व ओएसडी भोला यादव की गिरफ्तारी के बाद हुई है। ऐसे लालू प्रसाद की मुश्किलें बढ़ गई हैं। भोला यादव न सिर्फ लालू प्रसाद के करीबी हैं बल्कि उनके राजदार भी माने जाते हैं। भोला यादव की जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने के मामले में अहम भूमिका मानी जा रही है। सीबीआई के लिए वही अब तुरुप का पत्ता साबित हो रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक रिमांड अवधि में उनसे पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर ही सीबीआई ने यह पूरी कार्रवाई की है। भोला यादव से सीबीआई को कई ऐसे राज पता चले हैं जिससे वह अबतक दूर थी। है लैंड फॉर जॉब स्कैम
लालू यादव के साल 2004 से 2009 तक के रेल मंत्री के कार्यकाल में बगैर किसी विज्ञापन के कई लोगों को रेलवे में चतुर्थवर्गीय पद पर नौकरी दी गई। आरोप है कि नौकरी देने के बदले उनके या परिवार के सदस्यों से जमीन लिखवाई गई। ये जमीन राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव और दिल्ली की एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम पर 5 सेल डीड और 2 गिफ्ट डीड के जरिए हस्तांतरित की गई। जमीन का कुल रकबा 1,05,292 वर्गफुट है। सर्किल रेट के हिसाब से अभी इसकी कीमत 4,39,80,650 रुपये है।
इस मामले में केस दर्ज करने के बाद सीबीआई की बुधवार को तीसरी बार छापेमारी हुई। इससे पहले 20 मई को राबड़ी देवी व मीसा भारती के आवास समेत 16 ठिकानों की तलाशी ली गई थी। वहीं दूसरी बार भोला यादव को गिरफ्तार करने के बाद पटना-दरभंगा के उनके ठिकानों को खंगाला गया था।