जीवंत विकेट क्रिकेट के लिए अच्छा, आगे टर्निंग विकेट देखने को मिल सकते हैं: कुलदीप यादव
राजकोट। भारतीय स्पिनर कुलदीप यादव ने मंगलवार को कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ वर्तमान टेस्ट श्रृंखला के आगामी मैचों में टर्निंग विकेट देखने को मिल सकते हैं लेकिन इसके साथ ही उन्होंने स्वीकार किया कि पहले दो टेस्ट मैचों के लिए तैयार किए गए जीवंत विकेट क्रिकेट के लिए अच्छा है। भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला अभी 1-1 से बराबरी पर है। तीसरा टेस्ट मैच गुरुवार से सौराष्ट्र क्रिकेट संघ (एससीए) स्टेडियम में खेला जाएगा।
कुलदीप ने मंगलवार को भारतीय टीम के अभ्यास सत्र से पूर्व संवाददाता सम्मेलन में कहा,कुल मिलाकर सभी चीज महत्वपूर्ण हैं। तेज गेंदबाज अपनी भूमिका निभा रहे हैं जैसे कि पिछले मैच में आपने देखा होगा। इसलिए जीवंत विकेट क्रिकेट के लिए अच्छा होता है। लेकिन ऐसा नहीं है की आपको आगे टर्निंग विकेट देखने को नहीं मिलेंगे। उम्मीद है कि आपको आगे इस तरह के विकेट देखने को मिलेंगे। भारतीय टीम को अभी तक इंग्लैंड के आक्रामक खेल का सामना करना पड़ा है। इंग्लैंड ने पहला टेस्ट मैच आसानी से जीता था लेकिन भारत ने दूसरे टेस्ट मैच में जीत दर्ज करके शानदार वापसी की।
पहले दोनों मैच पूरी तरह से स्पिनरों के मददगार विकेट पर नहीं खेले गए। कुलदीप से पूछा गया कि पहले दो टेस्ट मैच के लिए स्पिनरों के अनुकूल विकेट तैयार क्यों नहीं किए गए?उन्होंने कहा,मुझे पता नहीं। मैं पूरी तरह से स्पिनरों को मदद करने वाले विकेट पर नहीं खेला हूं। मैं (ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ) घरेलू मैदानों पर खेली गई पिछली श्रृंखला में नहीं खेला था। उन्होंने कहा,‘‘मुझे नहीं पता कि हमारा दृष्टिकोण या सोच क्या होगी। असल में यह टीम प्रबंधन का फैसला होता है। निश्चित तौर पर आप सब भी अच्छी क्रिकेट देखना चाहते हो। अच्छी क्रिकेट के लिए अच्छे विकेट का होना महत्वपूर्ण है।
कुलदीप से पूछा गया कि तीसरे टेस्ट मैच में टर्निंग विकेट होना चाहिए या नहीं, उन्होंने कहा,‘‘मैं इस बारे में नहीं जानता। मुझे जब भी खेलने का मौका मिलता है तो मैं उसका पूरा लुत्फ उठाता हूं फिर चाहे विकेट सपाट हो या टर्निंग। हमारे लिए स्पिन गेंदबाजी ही नहीं बल्लेबाजी भी महत्वपूर्ण है। कुलदीप ने स्वीकार किया कि इंग्लैंड का बल्लेबाजी में आक्रामक रवैया टेस्ट क्रिकेट में असामान्य बात है। उन्होंने कहा,‘‘टेस्ट क्रिकेट में आप बल्लेबाजी में इस तरह के आक्रामक रवैए के आदी नहीं होते हो। लेकिन ऐसी स्थिति में एक स्पिनर होने के नाते आप खेल में अधिक ध्यान केंद्रित करते हो कि आपको किस तरह से गेंदबाजी करनी है और आपका रवैया कैसा होगा।