उत्तर प्रदेश

वृंदावन के राधारमण, राधादामोदर और शाह मंदिर में हुआ ठाकुर जी का महाअभिषेक

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मथुरा । नंद के लाला के जन्म को लेकर मथुरा वृंदावन में हर कोई उनके प्राकट्य घड़ी के इंतजार में लालायित नजर आ रहा है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि, बांकेबिहारी, प्रेम मंदिर, रंगनाथ, द्वारकाधीश, राधा रमण, इस्कॉन समेत 25 मंदिरों पर श्रद्धालुओं का क्रम सुबह से लेकर शाम तक निरंतर जारी है। वहीं राधा दामोदर मंदिर में 251 किलो पंचामृत से अभिषेक किया गया तथा ठाकुर राधारमण मंदिर में 2100 किलो से अभिषेक किया गया। वृंदावन के शाह जी मंदिर में 101 किलो पंचामृत से अभिषेक किया गया। हर ओर उत्साह, उमंग और भक्ति का माहौल है।

प्रेम मंदिर, बांके बिहारी, रंगनाथ, द्वारकाधीश, राधा रमण, इस्कॉन समेत 25 मंदिर रोशनी से जगमगा रहे हैं। जन्मभूमि स्थित गर्भगृह में कारागार की तरह सजावट की गई है। जन्माष्टमी पर 25 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के मथुरा आने की संभावना है। भगवान राधा कृष्ण की लीला भूमि वृंदावन के मंदिरों में अभिषेक हुआ। यहां के राधा रमण, राधा दामोदर और शाह बिहारी जी मंदिर में सुबह 10 बजे से अभिषेक शुरू हुआ। मान्यता है कि भगवान का जन्म मथुरा में हुआ। जबकि वृंदावन में वह प्रकट हुए थे। इसीलिए यहां भगवान का अभिषेक दिन में किया जाता है। ठा. राधारमण मंदिर में सेवायतों ने वेदमंत्रों के मध्य 2100 किलो दूध, दही, घी, शक्कर, पंचगव्य, सर्वोषधि, गंधाष्टक और बीजाष्टक से ठा. राधारमण महाराज का महाभिषेक विधिविधान पूर्वक किया। आचार्य श्रीवत्स गोस्वामी एवं सेवायत गोस्वामी बारी-बारी से ठाकुर राधारमण लाल का अभिषेक किया। श्रद्धालुओं में इस नयनाभिराम छवि को निहारने के लिए होड़ मची रही। भगवान के प्राकट्य की खुशी के पल को भगवान के जयकारे लगा रहे थे।

कैदियों के द्वारा बनाई गई ड्रेस जेल मंत्री ने बिहारीजी को सौंपी

वहीं गुरुवार को यूपी के जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति भी बांके बिहारी मंदिर पहुंचे। उन्होंने मंदिर प्रशासन को बांके बिहारी जी के लिए ड्रेस सौंपा। इसे बंदियों ने दिन रात मेहनत करके 15 दिन में तैयार किया है। रेशम के धागे से बनी यह ड्रेस 24 मीटर कपड़े से बनी है। जो हल्के पीले रंग की है। जन्माष्टमी पर इसे भगवान कृष्ण को पहनाया जाएगा। ड्रेस को 11 पार्ट में तैयार किया गया है। इसमें धोती, बगलबंदी, दुपट्टा, कमरबंद, प्रतिमा के पीछे लगने वाला पर्दा, भगवान के सिंहासन पर बिछने वाला कपड़ा शामिल है। जरी के कपड़े पर रेशम के धागे से बेहद आकर्षक कलाकारी की गई है। इस ड्रेस में मोर का रूप देने का प्रयास किया गया है।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर होगा मुख्य कार्यक्रम

मुख्य आयोजन मथुरा के जन्म भूमि मंदिर में होगा। गुरुवार रात 11 बजे से महाअभिषेक का कार्यक्रम शुरू होगा। श्री कृष्ण जन्मस्थान पर सबसे पहले श्री गणेश पूजन, नव ग्रह पूजन होगा। 1008 कमल पुष्पों से भगवान श्रीकृष्ण का आह्वान किया जाएगा। रात 12 बजे भगवान का प्राकट्य के साथ महाअभिषेक होगा। चांदी की कामधेनु गाय के दूध से अभिषेक होगा। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर ढोल-नगाड़े, झांझ, मजीरा, मृदंग और हरिनाम संकीर्तन किया जाएगा। अभिषेक के बाद भगवान की महाआरती होगी।

द्वारिकाधीश में होंगे ये कार्यक्रम

पुस्तिमार्गीय संप्रदाय के द्वारिकाधीश मंदिर में कार्यक्रमों की शुरुआत सुबह 06 बजे से हुई। यहां मंगला आरती के बाद पंचामृत अभिषेक किया गया। सुबह साढ़े 08 बजे भगवान के श्रृंगार के दर्शन हुए। इसके बाद शाम को साढ़े 07 बजे उद्यान के दर्शन होंगे। रात 10 बजे जागरण की झांकी होगी। रात 11 बजकर 45 मिनट पर पंचामृत अभिषेक के दर्शन होंगे।

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