दिल्ली/एनसीआर

नौसेना ने दूसरे स्वदेशी विमानवाहक पोत की ‘मेगा डील’ के लिए केंद्र को भेजा प्रस्ताव

नई दिल्ली । भारतीय नौसेना ने आखिरकार अपने दूसरे स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएसी-2 की ‘मेगा डील’ को मंजूरी देने के लिए केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेज दिया है। देश का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत ‘विक्रांत’ नौसेना में शामिल किये जाने के बाद से ही नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ‘मेक इन इंडिया’ के तहत इस दूसरे विमानवाहक पोत की जरूरत बता रहे थे। इस विशाल युद्धपोत का निर्माण कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) में किया जाएगा और इससे केरल में रोजगार के बड़े अवसर पैदा करेंगे।

सेना में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देते हुए भारतीय नौसेना ने कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में निर्मित किए जाने वाले दूसरे विमान वाहक पोत के लिए सरकार के पास आधिकारिक तौर पर प्रस्ताव भेज दिया है। रक्षा मंत्रालय को जहाज के निर्माण और अधिग्रहण के लिए प्रस्ताव मिल गया है। इस दूसरे स्वदेशी विमानवाहक पोत को ‘आईएसी-2’ के नाम से जाना जाएगा। रक्षा मंत्रालय में जल्द ही रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ कार्यक्रम के तहत नौसेना के इस प्रस्ताव पर चर्चा होने की उम्मीद जताई गई है। सरकार से आईएसी-2 की मंजूरी मिलने के बाद यह कार्यक्रम केरल में कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के माध्यम से कई हजार प्रत्यक्ष और कई गुना अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा करेगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल 02 सितम्बर को भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत ‘विक्रांत’ राष्ट्र को सौंपा था, जिसे अब समुद्री जंग के लिहाज से तैयार किया जा रहा है। एडमिरल आर हरि कुमार ने हाल ही में कहा था कि आईएनएस विक्रांत को इसी साल नवंबर तक पूरी तरह से चालू करने के लिए सभी प्रयास जारी हैं। भारत के लिए इस तरह के तीन विमानवाहक पोतों की जरूरत बताई जा रही है, ताकि भारतीय नौसेना इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में तैनात सभी नौसेनाओं के साथ तालमेल बनाए रखे।

भारतीय नौसेना को आईएनएस विक्रांत के लिए 26 नए राफेल लड़ाकू विमान खरीदने पर विचार कर रही है। हाल ही में भारतीय नौसेना का मिग-29के फाइटर जेट पहली बार रात में आईएनएस विक्रांत पर उतरा, जो साल के अंत तक युद्धपोत के अपने एयर विंग के साथ पूरी तरह से चालू होने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा था कि विक्रांत का संचालन शुरू होने के बाद ही 2023 में नए विमानवाहक पोत पर निर्णय लिया जाएगा।

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