उत्तर प्रदेशधर्मबाराबंकी

श्रावण मास के दूसरे सोमवार पर लोधेश्वर व कुंतेश्वर सहित तमाम शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का लगा तांता 

जन एक्सप्रेस/संवाददाता 

बाराबंकी। श्रावण मास के दूसरे सोमवार पर जिले के शिव मंदिरों और शिवालयों में भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया है। शहर से लेकर देहात तक सभी प्रमुख मंदिरों पर भोलेनाथ को जलाभिषेक करने का क्रम चलता रहा। साथ ही लोगों ने अपने-अपने घरों में शिवजी के विधिवत पूजन अर्चन के साथ रुद्राभिषेक किया।सावन सोमवार पर देर रात से सबसे अधिक भीड़ जनपद के प्रसिद्ध तीर्थ धाम लोधेश्वर महादेवा व माता कुंती द्वारा पूजित कुंतेश्वर में उमड़ पड़ी। सुबह से ही यहां भगवान भोलेनाथ के भक्त जलाभिषेक करने में लगे रहे। लोधेश्वर महादेवा मेले के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। यहां एडीएम न्यायिक इंद्रसेन ने सुबह पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया है।

 संक्षिप्त इतिहास

महादेवा लोधेश्वर के पुजारी पंडित आदित्य तिवारी बताते हैं कि यह विश्व के 52 वें अनोखे शिवलिंग में आता है। यह कामना पूर्ति शिवलिंग है। इसका इतिहास लगभग सभी युगों में मिलता है। द्वापर काल में इसे पांडवों ने स्थापित किया था। जिसके बाद यह लोधौरा गांव के लोधे राम अवस्थी के खेत में यह स्वयं प्रगट हुए। तभी से इनका नाम लोधेश्वर पड़ा और यहां प्रत्येक वर्ष यहां चार बार श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगता है। वहीं दूसरी तरफ अज्ञातवास के समय माता कुंती द्वारा पूजित कुंतेश्वर का इतिहास है कि आज भी यहां माता कुंती रोज सुबह सबसे पहले पूजन अर्चन करती है। इस कथा के प्रचलन में आने के बाद यहां श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया। आज की स्थिति यह है कि यहां सोमवार सहित शिव को प्रिय सभी दिनों में हजारों की संख्या में भक्त पहुंचकर पूजन अर्चन करते है।

 आस्था का प्रतीक

पंडित आदित्य तिवारी ने बताया कि यूं तो सावन महीना शिव भक्ति के पवित्र दिन माने जाते है। लेकिन इस बार 4 साल बाद आस्था के प्रतीक अधिक मास (मल्मास ) होने के चलते जनपद के तमाम शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहेगी। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि प्रत्येक महीने का कोई न कोई एक स्वामी होता है। लेकिन 4 साल बाद पढ़ने वाले इस अधिक मास का कोई स्वामी नहीं था। जिसके चलते नाथों के नाथ भोले नाथ ने इस मास को अपनी भक्ति के लिए दे दिया। ऐसी मान्यता है कि इस मास में की गई पूजा सीधे महादेव को समर्पित होती है। 

चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था

मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो। ऐसे निर्देश जिला अधिकारी अविनाश कुमार ने मेला से जुड़े संबंधित अधिकारियों को दिए थे। जिसका असर यहां की व्यवस्थाओं में देखा गया। जिसमें भारी संख्या में राजस्व कर्मी मेले के चप्पे-चप्पे पर मौजूद रहे। सुरक्षा व्यवस्था को और चाक-चौबंद रखने के लिए पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने मेले में भारी पुलिस बल तैनात किया है।

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