भारत-पाकिस्तान की किस बहस पर वसीम अकरम और गौतम गंभीर ने ऐसा कहा….
World Cup 2023: वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में भारत की हार से ऑस्ट्रेलिया से ज्यादा खुश पाकिस्तान के लोग हैं. इस वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराकर वर्ल्ड कप जीत लिया, लेकिन फिर भी ऑस्ट्रेलिया के लोग उतना जश्न नहीं मना रहे, जितना पाकिस्तान में मनाया गया. पाकिस्तान के लोगों की खुशी देखकर ऐसा लगता है कि फाइनल मैच में पाकिस्तान ने भारत को हराकर वर्ल्ड कप जीता हो, लेकिन ऐसा नहीं है. ऐसा ही भारत में भी तब हुआ था, जब अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को वर्ल्ड कप मैच में हरा दिया था. उस वक्त भारत के लोग भी अफगानिस्तान से ज्यादा जश्न मना रहे थे.
वसीम अकरम की बात से सहमत हुए गौतम गंभीर
लिहाजा, भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट फैन्स एक-दूसरे की हार का खूब जश्न मनाते हैं, और इसी चीज के बारे में बहस करते हुए पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर वसीम अकरम और भारत के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने कहा कि ऐसा करना गलत है. वसीम अकरम ने वर्ल्ड कप फाइनल में भारत को मिली हार के बाद स्पोर्ट्सकीड़ा के एक कार्यक्रम में कहा कि, “आपको निराश नहीं होना चाहिए, कोई बात नहीं एक बुरा दिन था, लेकिन आपने पूरे टूर्नामेंट में कमाल का प्रदर्शन किया है, और अभी भी एक बेस्ट टीम हैं. इस चीज को याद रखें. हम खुद 1999 में इस फेज़ से गुज़र चुके हैं, उस वक्त सोशल मीडिया नहीं था, लेकिन हम न्यूज़पेपर नहीं पढ़ते थे, टीवी नहीं देखते थे, लेकिन आज के दौर में सोशल मीडिया से दूर रहना बहुत मुश्किल है, और ये इंडिया-पाकिस्तान के लोग जो लोग एक-दूसरे की हार देखकर जैसे जश्न मनाते हैं, उसे देखकर मुझे सिर्फ एक उदाहरण याद आता है कि, बेगानों की शादी में अबदुल्ला दीवाना.”
एक-दूसरों की हार की खुशी मनाना गलत है: गौतम गंभीर
वसीम की बात से सहमत होते हुए गौतम गंभीर ने भी उसी कार्यक्रम में कहा कि, “अपनी जीत की खुशी मनाओ, दूसरों की हार से खुशी मनाने का कोई तुक नहीं बनता, चाहे वो इंडिया हो या पाकिस्तान. जब पाकिस्तान हारती है, तो हमारे यहां खुशी मनाते हैं, और जब इंडिया हारती है, तो पाकिस्तान में खुशी मनाते हैं. यह बहुत गलत बात है. मेरा मनाना है कि इस चीज को बदलने की बहुत जरूरत है, कम से कम खेल में तो बहुत जरूरी है.”
वहीं, वसीम अकरम ने आगे कहा कि, “मैं नाम नहीं लूंगा, लेकिन दोनों मुल्कों में कुछ मशहूर लोग ऐसे हैं, जो इस चीज को बढ़ावा देते हैं. आप अपने देश के लिए देशभक्त हैं, और हम हमारे. इसे यहीं पर खत्म कर दें. जब सभी संघर्ष कर रहे हो, तो एक-दूसरों के साथ अच्छे से पेश आएं. आखिरकार, यह सिर्फ एक खेल है.