महिला चिकित्सक को सेवा सम्बन्धी परिलाभ पूर्ववर्ती तिथि से दिए जाने के आदेश
जोधपुर । राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण, जयपुर चलपीठ जोधपुर ने सहायक आचार्य के पद पर कार्यरत एक महिला चिकित्सक को उससे कम योग्यताधारी को नियुक्ति देने के मामले में उसे भी उसी दिन से नियुक्ति मानते हुए सभी सेवा सम्बन्धी लाभ प्रदान करने का आदेश दिया है।
दरअसल डॉ. श्यामा चौधरी वर्तमान में डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में सहायक आचार्य के पद पर कार्यरत है। राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा 16 जुलाई 2015 को सहायक आचार्य/वरिष्ठ प्रदर्शक के लिए विज्ञापन विज्ञापित किया गया। विभाग द्वारा 20 जुलाई 2017 को मेरिट लिस्ट जारी की गई। मेरिट लिस्ट में प्रार्थी का नाम उच्च स्थान पर होने के बावजूद उसे सहायक आचार्य के पद पर नियुक्ति नहीं दी गई जबकि उससे कम प्राप्तांक वालों को 31 अक्टूबर 2017 को नियुक्ति प्रदान कर दी गई। विभाग के इस कृत्य से व्यथित होकर उसने एक अभ्यावेदन विभाग के समक्ष प्रस्तुत कर निवेदन किया कि उससे कम प्राप्तांक वालों को नियुक्ति प्रदान कर दी गई पर उसे अधिक प्राप्तांक होने के बावजूद भी नियुक्ति प्रदान नहीं की गई। विभाग द्वारा किसी तरह की कोई भी कार्रवाई नहीं करने पर उसने नियुक्ति के सन्दर्भ में एक रिट याचिका राजस्थान उच्च न्यायालय में प्रस्तुत की।
उच्च न्यायालय ने रिट याचिका के लंबित रहते हुए ही उसे चिकित्सा विभाग द्वारा चार जनवरी 2020 के आदेश से नियुक्ति प्रदान कर दी। विभाग द्वारा 18 जनवरी 2021 को उसकी सेवाएं स्थायी कर दी गई। प्रार्थी द्वारा कार्यग्रहण करने के पश्चात विभाग के समक्ष एक अभ्यावेदन इस बाबत प्रस्तुत किया कि उससे कम योग्यता वाले कर्मचारियों को 31 अक्टूबर 2017 को नियुक्ति दी गई अत: उसे भी 31 अक्टूबर 2017 के आदेश के तहत नियुक्ति मानते हुए सभी सेवा सम्बन्धी लाभ प्रदान किए जाए लेकिन चिकित्सा विभाग द्वारा यह कहते हुए इनकार कर दिया कि प्रार्थी ने कार्यग्रहण चार जनवरी 2020 को किया है अत: उसे 31 अक्टूबर 2017 के तहत नियुक्ति मानते हुए सेवा सम्बन्धी लाभ नहीं दिए जा सकते। विभाग के आदेश से व्यथित होकर डॉ. श्यामा चौधरी ने एक अपील अधिवक्ता प्रमेन्द्र बोहरा के माध्यम से राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण, जयपुर चलपीठ जोधपुर के समक्ष प्रस्तुत की। अधिकरण ने प्रार्थी की अपील को स्वीकार करते हुए कम योग्यताधारी व्यक्तियों के समान उसे भी उसी दिन से नियुक्ति मानते हुए सभी सेवा सम्बन्धी लाभ की काल्पनिक गणना करते हुए लाभ वर्ष 2017 से प्रदान किए जाने का आदेश पारित किया।