भाजपा के क्षेत्रीय कार्यालय पर मनाई गई पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती
गोरखपुर । भारतीय जनसंघ के संस्थापक, एकात्म मानववाद और अंत्योदय जैसे महान विचार के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती भाजपा के क्षेत्रीय कार्यालय (रानीडीहा) पर सोमवार को मनाई गई। भाजपा नेताओं ने दीनदयाल जी के व्यक्तित्व और कृतित्व को प्रेरणादायी बताया।
कार्यक्रम के शुभारंभ में क्षेत्रीय अध्यक्ष समेत सभी भाजपा नेताओं ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धासुमन अर्पित किया। बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय ने भारतीय जनसंघ की स्थापना से लेकर आज की भाजपा के उत्थान में पं.दीनदयाल उपाध्याय के योगदान को बताया। उन्होंने कहा कि मुगलों और अंग्रेजी शासन में भारत की सभ्यता, संस्कृति और धरोहर को मिटाने का कार्य हुआ। आजादी के बाद बनी सरकार की नीतियों के कारण यह संकट यथावत रहा। ऐसी परिस्थिति से चिंतित होकर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पं. दीनदयाल उपाध्याय जैसे मनीषियों ने भारतीय जनसंघ की स्थापना की। पं.दीनदयाल उपाध्याय के बताए मार्ग पर ही चलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार और योगी आदित्यनाथ की यूपी सरकार समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े गरीबों के सर्वांगीण विकास में लगी हुई है। क्षेत्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा एक विचारधारा पर चलने वाली कार्यकर्ताओं की पार्टी है। भाजपा का संकल्प सरकार के माध्यम से जनकल्याण के साथ समाज में परिवर्तन लाने का भी है। कार्यक्रम को महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, पूर्व महानगर अध्यक्ष राहुल श्रीवास्तव, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष डाॅ. सत्येंद्र सिन्हा, क्षेत्रीय मंत्री जनार्दन तिवारी, निरंकार त्रिपाठी आदि ने संबोधित किया और पं.दीनदयाल उपाध्याय के विचार को और मजबूती प्रदान करने का संकल्प लिया।
संचालन खोराबार मंडल के महामंत्री आदित्य गुप्ता ने किया। इस मौके पर क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी डॉ बच्चा पांडेय नवीन, मीडिया संपर्क विभाग के क्षेत्रीय संयोजक सिद्धार्थ शंकर पाण्डेय, सह संयोजक राहुल तिवारी, होसिला सिंह, मधुसूदन पांडेय, राजा त्रिपाठी, सोमेश्वर पांडेय, राहुल त्रिपाठी, समीर श्रीवास्तव, महानगर मंत्री किसान मोर्चा सत्यजीत सिंह, निलेश पांडेय, क्षेत्रीय कार्यालय प्रभारी पंकज जयसवाल, महानगर मंत्री अजय श्रीवास्तव, रिक्की चंद कौशिक, राजा यादव, सुनीता पासवान सहित बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।