भाजपा के लिए राजनैतिक नैतिकता और मर्यादा सिर्फ मुखौटा : अजय राय
वाराणसी । भाजपा और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) गठबंधन पर कांग्रेस ने जमकर निशाना साधा है। पार्टी के प्रदेश प्रांतीय अध्यक्ष प्रयागराज जोन पूर्व विधायक अजय राय ने दोनों दलों के गठबंधन पर सवाल उठाया और कहा कि जो गठबंधन हुआ है वह कहीं से भी पवित्र कहा जा सकता है।
महामंडल नगर लहुराबीर स्थित अपने आवास पर मंगलवार को मीडिया से रूबरू पूर्व विधायक अजय राय ने कहा कि भाजपा के लिए राजनैतिक नैतिकता और मर्यादा सिर्फ मुखौटा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा ने अपने ही दल के नेताओं के हत्यारोपियों से 2024 लोकसभा चुनाव के लिए समझौता कर यह साबित कर दिया है कि माफियाओं के खिलाफ उनका अभियान महज नौटंकी है। अगर ऐसा नही है तो फिर राजनैतिक मर्यादा का जो पैमाना भाजपा दूसरे राजनैतिक दलों के लिए सेट करती है, फिर उससे वह खुद को परे क्यों समझती है।
उन्होंने कहा कि यही वह भाजपा और अमित शाह हैं जिन्होंने सन 2014 में जब मैं वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ रहा था तो इन लोगों ने मेरे ऊपर मुख्तार अंसारी से समझौता करने का झूठा दुष्प्रचार किया था, जबकि परिणाम आप सभी के सामने है। मैंने अपने बड़े भैया स्व0 अवधेश राय की हत्या के दोषी मुख्तार के खिलाफ पूरी ताकत के साथ एक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और मुख्तार अंसारी जैसे अपराधी को सजा दिलाई।
उन्होंने कहा कि जो मुख्तार अंसारी विहिप के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नंदकिशोर रुंगटा, भाजपा विधायक कृष्णानंद राय, मुहम्मदाबाद के पूर्व ब्लाक प्रमुख भाजपा नेता श्याम शंकर राय भांवरकोल के भाजपा के तत्कालीन मंडल अध्यक्ष रमेश राय, अखिलेश राय, शेषनाथ पटेल, चालक मुन्ना यादव व सरकारी अंग रक्षक समेत संघ और भाजपा के कई प्रमुख नेताओं के हत्या में शामिल हैं, उसी मुख्तार अंसारी के बेटे सुभासपा के विधायक अब्बास अंसारी से समझौता कर लिया है।
भाजपा सत्ता और अपने फायदे के लिए किसी भी स्तर पर गिर सकती है, मौजूदा गठबंधन ने यह स्पष्ट कर दिया है। अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्या में खून से सने हाथों को अपने गले की हार बनाना कोई भाजपा से सीखे। भाजपा और अमित शाह को कम से कम अपने उन मृत नेताओं और कार्यकर्ताओं के परिजनों के आंसुओं की तो परवाह करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि भाजपा अगर मुख्तार अंसारी को अपराधी मानती है तो फिर उसी मुख्तार अंसारी के बेटे और सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी से यह गलबहियां कर वह क्या संदेश देना चाहती है।