पाण्डुपोल हनुमान जी एवं भर्तृहरि महाराज मेले की तैयारियां शुरू
अलवर । सरिस्का स्थित पाण्डुपोल हनुमान जी महाराज एवं बाबा भर्तृहरि महाराज मेले की तैयारियां शुरू हो गई हैं। प्रशासन ने इसके लिए संबंधित विभाग के साथ बैठक की हैं।
अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर ने बताया कि कि 9 से 12 सितम्बर तक पाण्डुपोल हनुमानजी महाराज का मेला एवं 9 से 11 सितम्बर तक बाबा भर्तृहरि महाराज के मेले का आयोजन होगा। मेले के सफल आयोजन के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग एवं वन विभाग के अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में समन्वय रखते हुए मेले के लिए आवागमन के रास्तों व सडकों को दुरूस्त कराने के निर्देश दिये। उन्होंने पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियन्ता को निर्देश दिये कि मेला स्थलों पर चिन्हित स्थानों पर मजबूत बैरिकेटिंग कराएं। साथ ही भर्तृहरि महाराज धाम में स्थित पुराने भवनों की जांच करे। असुरक्षित भवन पाए जाने पर उनमें आमजन का प्रवेश निषेध कराए जाए व उनकी बेरिकेटिंग की जाए। उन्होंने कहा कि दोनों मेलों को सुचारू रूप से सम्पन्न कराने के लिए सभी अधिकारी दर्शनार्थियों की भारी भीड पर नियंत्रण रखने एवं आपदा प्रबंधन की सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित रखें। उन्होंने संबंधित मेला मजिस्ट्रेट, सहायक मेला मजिस्ट्रेट व मेला कमेटी को निर्देश दिये कि दोनों मेलों का मैप तैयार करावे जिसमें मंदिर से आम रास्ते तक की गई बैरिकेटिंग व्यवस्था तक की गई की सम्पूर्ण व्यवस्थाओं एवं सुविधाओं को दर्शाया जाए। साथ ही उन्होंने निर्देश दिये कि रोडवेज से समन्वय कर बस रूट को अंतिम रूप देकर इसका प्रचार प्रसार करावे।
उन्होंने बताया कि मेलों में ध्वनि विस्तारक केन्द्रों का प्रयोग धीमी ध्वनि से करने दिया जाएगा तथा डीजे पर पूर्णत: रोक रहेगी। उन्होंने रोडवेज डिपो के मुख्य प्रबंधक एवं जिला परिवहन अधिकारी को निर्देश दिये कि दोनों मेलों में आने वाले दर्शनार्थियों के लिए पर्याप्त बसों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। पाण्डुपोल मेले में रोडवेज बसों की पार्किंग उमरी तिराये, टहला गेट एवं काली घाटी गेट के आसपास कराई की जाएगी। टू व्हीलर की पार्किंग सरिस्का गेट के पास रहेगी तथा उमरी तिराये से मंदिर तक पैदल ही दर्शानार्थियों के जाने की व्यवस्था रहेगी। इसी प्रकार भर्तृहरि महाराज मेले में अलवर से जयपुर जाने वाले सभी वाहन कुशालगढ से तालवृक्ष नारायणपुर होते हुए जयपुर जाएंगे तथा जयपुर से आने वाले वाहन घाटा बांदरौल से नारायणपुर, तालवक्षृत व कुशालगढ होते हुए अलवर आएंगे।