कार्तिक मास में तुलसी और आंवले की पूजा से बढ़ती है समृद्धि
कार्तिक मास 11 अक्टूबर से 8 नवंबर तक रहेगा। पुराणों में इस महीने को बहुत खास बताया गया है। हिन्दी पंचांग का आठवां महीना कार्तिक तीज-त्योहार के लिहाज से बहुत खास है। इस महीने में पुष्य नक्षत्र, धन तेरस, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, छठ पूजा, देवउठनी एकादशी जैसे बड़े तीज-त्योहार रहते हैं। ये माह 8 नवंबर तक रहेगा। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर-जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि कार्तिक मास में गणेश जी, विष्णु-लक्ष्मी, धनवंतरि, गोवर्धन पर्वत, छठ माता, सूर्य देव के साथ ही कार्तिकेय स्वामी की भी पूजा जरूर करनी चाहिए। कार्तिक मास सेहत के लिए बहुत ही खास माना गया है। इस महीने में शरद ऋतु शुरू होती है। दो बदलते मौसम के बीच का समय होने से इन दिनों सेहत संबंधी परेशानी भी होने लगती है। इसलिए कार्तिक मास में पूरा डेली रूटीन बदलने की बात ग्रंथों में कही गई है। इनमें खाने-पीने और सोने से जुड़े जरूरी नियम कहे गए है। जिनको अपनाने से सेहत अच्छी रहती है और उम्र भी बढ़ती है। मास में रोज सुबह जल्दी उठना चाहिए। इन दिनों में नदी स्नान की परंपरा है। काफी लोग नदी में दीपदान भी करते हैं। कार्तिक महीने का नाम कार्तिकेय स्वामी के नाम पर पड़ा है। इसके बारे में भगवान नारायण ने ब्रह्मा को, ब्रह्मा ने नारद जी को और उन्होंने महाराज पृथु को कार्तिक मास के बारे में बताया है। इस पवित्र महीने में 7 नियम प्रधान माने गए हैं, जिन्हें करने से शुभ फल मिलते हैं और हर मनोकामना पूरी हो सकती है।