पुष्कर सिंह धामी को भी है कुर्सी का डर?
उत्तराखंड: चाहे कांग्रेस हो या फिर भाजपा, गैरसैंण में विधानसभा सत्र आयोजित करवाने वाले मुख्यमंत्रियों की कुर्सी जा चुकी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार भी गैरसैंण में विधानसभा सत्र आयोजित कराने से दूरी बनाई हुई है।
करीब-करीब पिछले दो सालों में धामी सरकार की ओर से गैरसैंण में कोई भी विधानसभा सत्र आयोजित नहीं करवाया। साल 2022 का आखिरी शीतकालीन विधानसभा सत्र भी देहरादून स्थित विधानसभा सभा भवन में होने जा रहा है। 29 नवम्बर से पांच दिसम्बर के बीच देहरादून स्थित विधानभवन में सत्र होगा।
16 नवंबर को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में अंतिम मुहर लगाई जानी है। विधायी विभाग के अपर सचिव महेश कौशिवा ने 29 नवम्बर से 5 दिसम्बर तक शीतकालीन सत्र आयोजन की पुष्टि की है। विधायी विभाग के अपर सचिव महेश कौशिवा ने 29 नवम्बर से 5 दिसम्बर तक शीतकालीन सत्र आयोजन की पुष्टि की है।
मालूम हो कि 16 दिसंबर से पहले विधानसभा का शीतकालीन सत्र आयोजित होना है। सत्र की तारीख तय करने से पहले ही विधानसभा में दलीय बैठक भी कराई जा चुकी है। कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी कहती हैं कि यह उत्तराखंड का दुर्भाग्य ही है कि विधानसभा सत्र आयोजित करने से पहले पक्ष और विपक्ष के बीच तलवारें खींच जातीं हैं।
गैरसैंण या देहरादून, विधानसभा सत्र कहां होगा इसपर हमेशा से ही विवाद बना रहता है। उनका कहना है कि पिछली धामी सरकार, और इस बार की धामी सरकार 2.0 ने एक बार भी गैरसैंण में विधानसभा सत्र आयोजित नहीं करवाया। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी पर भी दसौनी ने सवाल उठाए हैं।
कहा कि उत्तराखंड स्थापना दिवस के अवसर पर खंडूड़ी ने घोषणा की थी कि वह सभी मंत्रियों व विधायकों को गैंरसैंण लाएंगी पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। भाजपा की उत्तराखंड सरकार पर हमला बोलते हुए दसौनी ने कहा कि पिछले दो साल से गैरसैंण विधानसभा सत्र के लिए तरस रहा है।
ताे दूसरी ओर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता मनवीर चौहान ने कहा कि बीजेपी हमेशा से ही मिथक तोड़ने का काम करती है क्योंकि भाजपा विकास की राजनीति पर विश्वास करती है।