चित्रकूट
यात्रियों को खतरों में डाल रहा रेलवे,मालगाड़ी के नीचे से निकलते हैं यात्री
रेल पटरी आरपार करना अपराध, लेकिन रेलवे खुद करा रहा उल्लंघन
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किसी काम का नहीं है फुट ओवरब्रिज, खतरों से खेलकर करते यात्रा
चित्रकूट। जन एक्सप्रेस
रेलवे खुद यात्रियों की जान जोखिम में डाल रहा है। रेलवे की लापरवाही के चलते यात्री खतरों से खेलकर यात्रा करने को मजबूर हैं। दोनों प्लेटफॉर्म पर मालगाड़ी खड़ी कर मेन लाईन में ईएमयू ट्रेन लाने से यात्रियो को मजबूरी में ट्रेन के नीचे से निकल पड़ रहा है। रेलवे यात्रियों को खुद ही खतरों में डाल रहा है।
जबलपुर डिवीजन के मारकुंडी रेलवे स्टेशन से आनेजाने वाले यात्रियों को भारी मुसीबतें उठानी पड़ रही है। यात्री खतरों से खेलकर यात्रा करने को मजबूर हैं। मारकुंडी रेलवे स्टेशन के दोनों प्लेटफॉर्म में मालगाड़ी खड़ी कर देने से फुट ओवरब्रिज बेकार साबित हो रहा है। मेन लाइन में खड़ी होने वाली सतना- मानिकपुर ईएमयू पैसेंजर ट्रेन में सवार होने वाले यात्रियो को मजबूरी में प्लेटफॉर्म में खड़ी ट्रेन के नीचे से निकलना पड़ता है। शुक्रवार को मानिकपुर से सतना- इटारसी(06638)जाने वाली ईएमयू ट्रेन के मारकुंडी रेलवे स्टेशन प्रवेश करते ही यात्रियों में भगदड़ मच गई। क्योंकि दोनों प्लेटफार्मों में मालगाड़ियां खड़ी होने से ईएमयू ट्रेन को प्लेटफार्म में लाने के बजाय मेन लाइन में लाया गया था। पैसेंजर ट्रेन रूकती भी नहीं है कि मेन रेललाइन पर खड़े रेलयात्री ट्रेन के ओर दौड़ पड़ते है और ट्रेन में सबसे पहले चढ़ने के लिए यात्रियों में धक्का- मुक्की शुरू होती है फिर अफरा-तफरी मच जाती है। ट्रेन में चढ़ने के इस क्रम में कुछ रेलयात्री गिरते-गिरते बचते है तो कुछ गिर भी पड़ते है। मशक्कत कर अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान कर जाते है। रेलवे की लापरवाही से बुजुर्ग, दिव्यांग वा गर्भवती महिलाओं को ट्रेन के नीचे से निकलने में भारी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। मारकुंडी रेलवे स्टेशन में सतना – मानिकपुर, इटारसी- छिवकी पैसेंजर समेत छह ट्रेनों का स्टॉपज है। सैकड़ो यात्री प्रतिदिन यात्रा करते हैं। फिर भी यात्री सुविधाओं के नामपर कुछ भी नहीं है।
किसी काम का नहीं फुट ओवरब्रिज
मारकुंडी रेलवे स्टेशन में बना फुट ओवरब्रिज बेकार साबित हो रहा है। क्योंकि दोनों प्लेटफॉर्म में मालगाड़ी खड़ी होने से यात्री मजबूरी में ट्रेन के नीचे से निकलकर गाड़ी में सवार हो रहे हैं। फुट ओवरब्रिज का निर्माण इस लिऐ किया गया था कि यात्री ट्रैक को पार न कर ओवरब्रिज से सुरक्षित रुप से आवागमन कर सकें। लेकिन रेलवे फुट ओवरब्रिज का निर्माण जरूर कर दिया है, लेकिन यात्रियों के किसी काम का नहीं है।
पटरी पार करना गैरकानूनी,रेलवे खुद करा रहा उल्लंघन
रेल की पटरी पार करना अपराध की श्रेणी में आता है,लेकिन रेलवे इसका पालन कराने के बजाय उल्लंघन करा रहा है। रेल की पटरियों को पार करना कानूनी तौर पर अपराध है। रेलवे अधिनियम की धारा 147 के तहत रेल की पटरियों को पार करने के अपराध में व्यक्ति को पकड़ा जा सकता है। ऐसा करते हुए पाए जाने पर व्यक्ति को 06 महीने तक की सजा भी हो सकती है। वहीं 1 हजार रुपये तक जुर्माने का भी प्रावधन है। लेकिन रेलवे इस कानून का पालन कराने के बजाय उल्लंघन करा रहा है।