खाने के तेल पर आयात सीमा शुल्क बढ़ाने का भारतीय किसान संघ ने किया स्वागत
नई दिल्ली । भारतीय किसान संघ ने खाने के तेल पर आयात सीमा शुल्क बढ़ाने पर केन्द्र सरकार की सराहना की है। किसान संघ के महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा कि केन्द्र सरकार का यह फैसला तेल उत्पादक किसानों के हित में है। किसान संघ के एक प्रतिनिधि मंडल ने इस संबंध में बीते मंगलवार ही केन्द्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री शिवराज चौहान से भेंट कर यह मांग रखी थी। हमें प्रसन्नता है कि केन्द्र सरकार ने हमारी मांग पर तत्काल निर्णय किया।
देश के सबसे बड़े किसान संगठन भारतीय किसान संघ ने एक प्रेसनोट जारी कर कच्चे सोयाबीन तेल, पाम तेल व कच्चे सूरजमुखी तेल पर आयात सीमा शुल्क को शून्य प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने के निर्णय का स्वागत किया है। इसमें कहा गया है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक में सोयाबीन के कम दाम को लेकर भारतीय किसान संघ के कार्यकर्त्ता आंदोलन कर रहे थे। इसी क्रम में किसान संघ के प्रतिनिधि मंडल ने विगत मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर तिलहन में खाने के तेल पर आयात नीति में संशोधन कर के सीमा के शुल्क को बढ़ाने की मांग का ज्ञापन दिया था । केंद्र सरकार ने सीमा शुल्क बढ़ाने के फैसले को मंजूरी दे दी है , सरकार के इस फैसले का भारतीय किसान संघ स्वागत करता है।
किसान संघ के प्रचार प्रमुख राघवेन्द्र सिंह पटेल द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ बातचीत में कृषि उत्पादन सामग्री पर से जीएसटी खत्म कर के कृषि लागत को कम करने की भी बात की गई। इस ज्ञापन पत्र में किसानों के लिए फसल बीमा, जीएम बीज, कृषि अनुसंधान का बजट बढ़ाने, किसान सम्मान निधि मे बढ़ोतरी, हल्दी बोर्ड बनाने, कृषक उत्पादक समूह को सबल, गौ आधारित कृषि को बढ़ावा देने, किसान हितैशी बीज कानून बनाने की मांग भी प्रमुखता से रखी गई।
उल्लेखनीय है कि देश के प्रमुख तेल उत्पादक राज्यों में मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक में किसान संघ के कार्यकर्ता सोयाबीन के दाम 6000 रूपए प्रति क्विंटल करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इसके साथ ही सरकार ने महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश में सोयाबीन उत्पादक किसानों की बाजार में कम मूल्य की समस्या को लेकर एमएसपी पर सोयाबीन खरीदने की घोषणा की है, जिसे सरकार का अच्छा कदम बताया जा रहा है। खाने के तेल में आयात शुल्क में 20 प्रतिशत वृद्धि करने के सरकार के फैसले को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। आयात शुल्क में वृद्धि से बाजार में सोयाबीन के दामों में उछाल आने की संभावना है।