उत्तराखंड

शांतिकुंज में स्काउट गाइड का हुआ राज्य पुरस्कार जांच शिविर

हरिद्वार । शांतिकुंज में स्काउट् एवं गाइड्स के कौशल को और अधिक निखारने के उद्देश्य से हुए पांच दिवसीय राज्य पुरस्कार जांच शिविर का आज समापन हुआ। यह जांच शिविर गायत्री विद्यापीठ शांतिकुंज की व्यवस्था मण्डल प्रमुख शेफाली पण्ड्या के मार्गदर्शन में हुआ।

शिविर के समापन सत्र में गायत्री विद्यापीठ की संरक्षिका शैलदीदी ने कहा कि बाल्यावस्था जीवन का महत्वपूर्ण समय है। बाल्यावस्था में शारीरिक तथा मानसिक विकास में स्थिरता आती है। मानसिक विकास की स्थिरता शारीरिक और मानसिक शक्तियों को दृढ़ता प्रदान करती है। बालक की चंचलता घटने लगती है, उसका मस्तिष्क परिपक्व होने लगता है।

शिविर आयोजक ने बताया कि पांच दिन चले इस सत्र में प्रथम, द्वितीय, तृतीय सोपान के अतिरिक्त राज्य पुरस्कार जांच शिविर में शांतिकुंज जनपद के साठ स्काउट्स एवं गाइड्स ने प्रतिभाग किया। इन्हें अनेक विषय विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन दिया गया। शिविर के दौरान आग जलाना, कम से कम साधन में भोजन बनाना, लाठी व रस्सी से तंबू का निर्माण करना, कैम्प फायर, फर्स्ट एड आदि का प्रशिक्षण दिये गये। साथ ही विभिन्न परीक्षाएं भी ली गयी। इनमें से उत्तीर्ण हुए स्काउट गाइड अपने अगले सोपान तथा राज्यपाल पुरस्कार के लिए पात्रता अर्जित करेंगे।

गौरतलब हो कि शांतिकुंज को उत्तराखण्ड राज्य में स्काउट गाइड का एक अलग जनपद के रूप में मान्यता प्राप्त है। यहां के स्काउट्स एवं गाइड्स अपने सेवा, सहयोग एवं कार्यशैली में विशेष स्थान रखते हैं।

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